चाईबासा.
अब शहर और आसपास के क्षेत्रों में बिजली का उपयोग कितनी हो रही है, यह जानकारी उपभोक्ताओं को बताये बिना भी बिजली विभाग के मुख्यालय तक स्वतः पहुंच जायेगी. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीभीएनएल ) ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. चोरी-छिपे बिजली उपयोग पर रोक लगाने के साथ ही इससे राजस्व की वसूली को भी सटीक और पारदर्शी बनाया जायेगा. केंद्र सरकार की रिवाइव डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत चाईबासा में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया जारी है. शहर के 689 ट्रांसफार्मरों में स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं, जिनकी रीडिंग सीधे केंद्रीय सर्वर पर जायेगी. इसके माध्यम से यह पता चल सकेगा कि किस ट्रांसफार्मर से कितनी बिजली की खपत हो रही है और किस क्षेत्र में लोड अधिक है.12 फीडरों से होती है 20 मेगावॉट की आपूर्ति
विद्युत आपूर्ति विभाग के अनुसार, चाईबासा के कुल 12 फीडरों के माध्यम से लगभग 20 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति की जा रही है, जिसमें शहरी क्षेत्र के 8 और ग्रामीण इलाके के 4 फीडर शामिल हैं. वर्ष 2026 तक सभी फीडरों, ट्रांसफार्मरों, घरों और ट्रांसमिशन सिस्टम को स्मार्ट मीटर नेटवर्क से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. फिलहाल शहरी अंचल के 40 हजार से अधिक उपभोक्ता इस योजना से जुड़े हैं.
बिजली वितरण प्रणाली होगी स्मार्ट
विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ग्रिड के बाद फीडर, फिर पीटीआर (पावर ट्रांसमिशन रीडिंग) और डीटीआर (डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफार्मर रीडिंग) स्तर पर स्मार्ट मीटर जोड़े जायेंगे. प्रत्येक स्मार्ट मीटर में सिम कार्ड होगा, जिससे डेटा सीधे विभाग के सर्वर और मुख्यालय तक पहुंच सकेगा.विभाग ने सभी फीडरों में वैक्यूम करंट ब्रेकर लगाने की भी तैयारी की है. इससे किसी फॉल्ट की स्थिति में ग्रिड पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा और उपकरणों को नुकसान से बचाया जा सकेगा. दुर्घटनाओं की स्थिति में बिजली आपूर्ति स्वतः बंद हो जाने से सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर होगी. इस पहल से चाईबासा अंचल की बिजली आपूर्ति व्यवस्था अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित बनेगी. –गौतम राणा
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