चाईबासा.
पश्चिमी सिंहभूम जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने बीमा उत्पादों की भ्रामक बिक्री को अनुचित व्यापार व्यवहार करार दिया है. आयोग ने एसबीआइ लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को शिकायतकर्ता को चार लाख रुपये की पूरी राशि लौटाने तथा 50 हजार रुपये (मानसिक पीड़ा व वाद व्यय सहित) का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. तांतनगर प्रखंड के तुइबाना गांव निवासी लक्ष्मी पूरती ने वर्ष 2024 में आयोग में शिकायत दर्ज करायी थी. उन्होंने बताया कि वे अपनी मां जेमा कुई पूरती के साथ एसबीआइ चाईबासा शाखा में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कराने गयी थीं, जहां बैंक कर्मियों ने उन्हें एसबीआइ लाइफ के प्रतिनिधि के पास भेजा. प्रतिनिधि ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि वे एफडी करा रही हैं, जबकि वास्तव में 2,00,000 की राशि रिटायर स्मार्ट प्लस नामक बीमा पॉलिसी में निवेश कर दी गयी. बाद में जब उन्हें धोखाधड़ी का पता चला और राशि वापसी की मांग की, तो कंपनी ने सहयोग नहीं किया. इसके बाद कंपनी ने उनके खाते से ऑटो-डेबिट के जरिये दो लाख रुपये और काट लिए, जिससे कुल 4,00,000 का आर्थिक नुकसान हुआ. आयोग ने माना कि बीमा उत्पाद को एफडी के रूप में प्रस्तुत करना स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार है. आदेश में कहा गया है कि कंपनी 45 दिनों के भीतर पूरी राशि लौटाये तथा 40 हजार रुपये मानसिक पीड़ा के लिए और 10 हजार रुपये वाद व्यय के रूप में अदा करे. निर्धारित समयसीमा में राशि नहीं लौटाने पर कंपनी को पूरी रकम पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देना होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

