पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी गांव निवासी 14 वर्षीय बिरसी चांपिया को रविवार दोपहर 12 बजे खेत में काम करते समय जहरीले सांप ने काट लिया. बच्ची के परिजनों ने बताया कि तीन अस्पतालों में भर्ती कराया, पर कहीं भी उसे सही इलाज नहीं मिल सका. परिजन ने बताया कि सबसे पहले गुदड़ी से 55 किमी दूर सोनुआ सरकारी अस्पताल ले गये, जहां भी उसे पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाया. सोनुआ से बिरसी को 25 किलोमीटर दूर चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल भेजा गया, लेकिन यहां भी उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुई. इसके बाद उसे 25 किलोमीटर दूर चाईबासा सदर अस्पताल ले जाया गया. हैरत की बात यह है कि जिले के सबसे बड़े चाईबासा सदर अस्पताल में भी बिरसी को सही इलाज नहीं मिला. अंततः उसे जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया, जिससे परिजन काफी परेशान और टूट गये.
रेलवे अस्पताल में मिली राहत
परिजन ने जमशेदपुर नहीं जाकर सीधे चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया. मंगलवार सुबह बिरसी को रेलवे अस्पताल में लाया गया, जहां इलाज के बाद उसकी स्थिति में सुधार बताया गया है. बिरसी चांपिया सोनुआ के कस्तूरबा स्कूल में पढ़ती थी. सामाजिक कार्यकर्ता विश्राम मुंडा ने कहा कि झारखंड सरकार गरीब आदिवासियों के इलाज के नाम पर गंभीर कदम नहीं उठा रही है.
– अनुमंडल अस्पताल में इलाज के बाद मरीज की स्थिति में सुधार नहीं हुई. मरीज की स्थिति को देखते हुए रेफर कर दिया गया.– डॉ अंशुमान शर्मा,
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अनुमंडल अस्पताल, चक्रधरपुर– मरीज की हालत ठीक नहीं थी. इस कारण उसे रेफर किया गया. हालत अधिक बिगड़ने पर मरीजों को अस्पताल लाया जाता है. इस स्थिति में रेफर करना पड़ता है.
– डॉ शिवचरण हांसदा
, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल चाईबासा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

