तांतनगर.
तांतनगर के हरिगुटू स्थित आदिवासी हो समाज महासभा कला संस्कृति भवन में सोमवार को राजनीतिक पार्टियों व सामाजिक बुद्धिजीवियों के बीच संवाद कार्यक्रम हुआ. इसका विषय आजादी के 78 वर्ष व झारखंड गठन के 25 वर्ष पूरा होने के बावजूद आदिवासियों का विकास नहीं होना रहा. बताया गया कि आदिवासियों को विकास के लिए अक्सर जद्दोजहद करना पड़ रहा है. 25 साल के झारखंड में भाजपा, कांग्रेस व झामुमो सहित अन्य छोटी पार्टियों ने सरकार चलायी है. इसके बावजूद आदिवासियों का विकास नहीं हुआ. ऐसे में कमी कहां है, इसपर विस्तार से बातें रखीं. बुद्धिजीवियों ने कहा कि सरकार का विकास के प्रति स्पष्ट विजन नहीं होना, राज्य में स्थानीय नीति का निर्धारण नहीं होना, राजनीति अस्थिरता, जनप्रतिनिधियों को जनता के प्रति जवाबदेह नहीं होना, सरकार का ठोस कार्य योजना तैयार नहीं होना, सरकारी कार्य सिस्टम में भ्रष्टाचार हावी होना, सामाजिक सिस्टम में दोष, मानव इच्छा शक्ति की कमी आदि प्रमुख कारक है. झारखंड खनिज संपदाओं से धनी राज्य है. संवाद कार्यक्रम में भाजपा से युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष चंद्र मोहन तियु, सरायकेला-खरसावां के जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, ईचा-खरकइ बांध विरोधी संघ के सचिव सुरेश चंद्र सोय, पुनरउत्थान समिति के अध्यक्ष सन्नी सिंकू, मानकी मुंडा संघ उपाध्यक्ष कालीचरण बिरुवा, हो समाज महासभा के उपाध्यक्ष बामिया बारी, समाजसेवी मनोज तियू आदि शामिल रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

