चाईबासा.टाटा कॉलेज में कोल्हान दिशुम मागे जुमूर के सफल आयोजन को लेकर गुरुवार को आयोजन समिति के अध्यक्ष सनातन पिंगुवा के नेतृत्व में बैठक हुई. मौके पर सनातन पिंगुवा ने कहा यह पर्व धर्म, संस्कृति और मानव उत्पत्ति (सृष्टि रचना) का प्रतीक है. टाटा कॉलेज में 1996 से मागे पर्व का आयोजन होते आ रहा है. टाटा कॉलेज चाईबासा के मैदान में 24 मार्च को वृहत मागे मिलन समारोह का आयोजन होगा. कॉलेज मैदान में बने देशाउली में पूजा-अर्चना के लिए अपराह्न 1.00 बजे का समय निर्धारित किया गया है.अब पढ़ने वाले युवा भी शिक्षण संस्थान में धूमधाम से मागे पर्व मनाते आ रहे हैं. अपनी संस्कृति की पहचान को बनाये रखने के लिए आदिवासी समुदायों द्वारा बड़े शहरों में भी अब मागे पर्व का आयोजन कर आदिवासी संस्कृति, परंपरा, भाषा, अस्तित्व, रूढ़ी व प्रथा को बचाने के लिए कार्य किया जा रहा है. हमारा कर्तव्य बनता है कि संस्कृति, परंपरा का पालन करते हुए आदिवासी भाई बंधुओं को ड्रेस कोड में ही मागे पर्व में आना चाहिए.
इस बार मागे पर्व होगा ऐतिहासिक
पिंगुवा ने कहा मागे परब को ऐतिहासिक बनाने को लेकर टाटा कॉलेज आदिवासी छात्रावास, टाटा कॉलेज सामान्य छात्रावास, आदिवासी आइटीआइ छात्रावास, सामान्य छात्रावास आइटीआइ व पीजी ब्वॉयज छात्रावास, पीजी गर्ल्स छात्रावास के छात्र मिलकर तैयारी कर रहे हैं. इस महोत्सव में अतिथि के रूप में मंत्री, सांसद उपस्थित रहेंगे. बैठक में संजीव बिरुवा, एल्विन एक्का, मोटाए कोंडकेल, सतारी सिरका आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है