चाईबासा महिला कॉलेज कोल्हान प्रमंडल के आदिवासी बहुल इलाके में महिलाओं को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने वाले महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक रहा है. लेकिन पिछले कुछ समय से कॉलेज में शिक्षकों की गंभीर कमी के कारण कई विभाग बिना शिक्षक के ही संचालित हो रहे हैं. इसका सीधा असर यहां अध्ययनरत छात्राओं की पढ़ाई पर पड़ रहा है. उन्हें चिंता सता रही है कि जनवरी-फरवरी 2026 में होने वाली परीक्षा में वे कैसे तैयारी कर पायेंगी. कॉलेज में फिलहाल इंटरमीडिएट की लगभग 600, स्नातक में 2500, एमए की लगभग 100 छात्राएं अध्ययनरत हैं. साथ ही बीएड के दो बैच में करीब 200 छात्राएं नामांकित हैं. कोल्हान के अन्य हिस्सों से भी छात्राएं यहां इसलिए पढ़ने आती हैं क्योंकि कॉलेज में छात्रावास की सुविधा उपलब्ध है. छात्राओं को रहने और समय पर भोजन की व्यवस्था मिलने से उन पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ भी काफी कम होता है. इसी कारण अभिभावकों के लिए यह कॉलेज हमेशा से पहली पसंद रहा है ताकि उनकी बच्चियां सुरक्षित माहौल में सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें.
तीन प्रमुख विषयों में शिक्षक नहीं
महिला कॉलेज में वर्तमान में संस्कृत, वनस्पति विज्ञान और गणित, इन तीन विषयों में शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं. वनस्पति विज्ञान विभाग प्रो. डॉ. सलोमी टोपनो के अवकाश पर जाने के बाद से रिक्त है. गणित विभाग प्रो. अनुराधा के अवकाश ग्रहण करने के बाद खाली पड़ा है. संस्कृत विभाग डॉ. निवारण महथा के विश्वविद्यालय पीजी विभाग का विभागाध्यक्ष बनने के बाद से बिना शिक्षक के है. अंग्रेजी विभाग की स्थिति भी बेहतर नहीं है. विभाग में स्थायी शिक्षक नहीं हैं. विभाग की प्रोफेसर फिलहाल कॉलेज की प्रो. इंचार्ज के रूप में प्रशासनिक दायित्व निभा रही हैं, जिससे कक्षाएं लेने के लिए उनके पास सीमित समय ही बच पाता है. विभागवार छात्राओं की संख्या भी काफी अधिक है-संस्कृत में करीब 200, वनस्पति विज्ञान में 80, गणित में 70 से अधिक और अंग्रेजी विभाग में 60 से ज्यादा छात्राएं अध्ययनरत हैं.विश्वविद्यालय को भेजी गयी रिपोर्ट
कॉलेज प्रशासन ने इन विषयों में शिक्षकों की कमी संबंधी विस्तृत जानकारी विश्वविद्यालय को भेज दी है. कुछ समय पहले कुलपति ने अंगीभूत कॉलेजों से विषयवार शिक्षकों की उपलब्धता की रिपोर्ट मांगी थी. इसके बाद विश्वविद्यालय ने प्रयास करते हुए कुछ शिक्षकों को अलग-अलग कॉलेजों के बीच तीन-तीन दिनों के लिए स्थानांतरित कर कक्षाओं के संचालन की व्यवस्था की है.
– कॉलेज में शिक्षकों की कमी से संबंधित आवश्यक जानकारी विश्वविद्यालय को उपलब्ध करा दी गयी है. संभावना जतायी जा रही है कि इन विषयों में शिक्षकों की कमी को जल्द दूर कर लिया जायेगा. –डॉ. प्रीतिबाला सिन्हा
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