चक्रधरपुर.
शनिवार को नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू हो गया. रविवार को खरना के साथ 36 घंटों का निर्जला उपवास शुरू हो जायेगा. छठव्रतियों और श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए छठ घाटों को आकर्षक ढंग से सजा गया गया है. घाटों को लाल और पीला रंग से सजाया गया है. साथ ही घाटों को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. जगह-जगह पर सेल्फी प्वाइंट भी बनाये गये हैं. यह काम श्रीश्री छठ पूजा कार्तिक पूर्णिमा स्नान समिति और प्रशासन की ओर से किया जा रहा है. छठ पूजा को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. गली मोहल्लों में छठ गीत बजना शुरू हो गया है. वहीं चक्रधरपुर बाजार भी पूजन सामग्री से सज गया है. प्रशासन की ओर से घाटों तक पहुंचने वाले रास्तों की सफाई करायी गयी है. चक्रधरपुर के पुरानी बस्ती सीढ़ी घाट, बरियाघाट, थाना घाट, बड़ौदा घाट, आसनतलिया घाट में सबसे अधिक भीड़ होती है.नहाय-खाय के साथ छठ शुरू, भक्तिमय हुआ शहर
चक्रधरपुर.
“नहाय-खाय” के साथ चार दिवसीय व्रत की शुरुआत हो चुकी है. 26 अक्तूबर को “खरना पूजा” होगी, जो इस व्रत का दूसरा और महत्वपूर्ण दिन है. शहर से लेकर गांव तक वातावरण भक्तिमय हो गया है. घरों में पारंपरिक छठ गीतों की गूंज सुनाई दे रही है. “कांच ही बांस के बहंगिया” घर-घर में बज रही है, “हो दीनानाथ” गीत सूर्य देव की आराधना का भाव जगाता है, “पहिले पहिल छठि मैया” छठ पूजा के पारंपरिक अनुभव को जीवंत करता है व “जोड़े जोड़े फलवा” गीत भक्ति और आधुनिकता का सुंदर संगम माना जा रहा है. छठव्रति श्रद्धा से छठ की तैयारी में जुटे हैं. पूरे क्षेत्र में पर्व का उल्लास चरम पर है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

