चक्रधरपुर. चक्रधरपुर रेलमंडल में रेलवे की घोर उपेक्षा और यात्री सुविधाओं के अभाव के खिलाफ झारखंड पुनरुत्थान अभियान ने गुरुवार को डीआरएम कार्यालय परिसर में जोरदार सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक चला, जिसका नेतृत्व संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष व पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष सन्नी सिंकु ने किया.
चक्रधरपुर रेलमंडल को ””उपनिवेश”” जैसा बनाया गया : सिंकु
सिंकु ने केंद्र सरकार और दक्षिण पूर्व रेलवे पर आरोप लगाया कि दोनों के तालमेल से चक्रधरपुर रेलमंडल को एक उपनिवेश की तरह चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह चक्रधरपुर मंडल देश को खनिज ढुलाई से अधिकतम राजस्व देता है, लेकिन इसके बदले यहां के यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिलतीं हैं. उन्होंने कहा कि मंडल का विस्तार झारखंड व ओडिशा के आठ खनिज संपन्न जिलों तक है, फिर भी यहां के स्टेशनों को न तो ए ग्रेड और न ही ए-वन श्रेणी में रखा गया है. कई ट्रेनों को बंद कर दिया गया है, और जो बची हैं उन्हें वंदे भारत ट्रेनों को पास देने के नाम पर घंटों खड़ा कर दिया जाता है संगठन के महासचिव अमृत माझी ने चक्रधरपुर रेलमंडल में प्रशासनिक कार्य संस्कृति के अभाव और स्थानीय आदिवासी-मूलवासी कर्मचारियों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया.
ट्रांसपोर्ट की अव्यवस्था और रोजगार पर असर
जिला अध्यक्ष नारायण सिंह पुरती ने कहा कि ट्रेन सेवाओं की अनियमितता के कारण टोटो चालकों की आय पर असर पड़ रहा है. ट्रेन लेट होने से उन्हें घंटों स्टेशन के बाहर इंतजार करना पड़ता है.
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
जिला अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन तौहीद आलम ने चेतावनी दी कि यदि मांगों की अनदेखी की गयी तो जनसहभागिता के साथ चरणबद्ध जनआंदोलन शुरू किया जायेगा.
ये थे मौजूद
धरने की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष नारायण सिंह पूर्ति ने की. संचालन जिला उपाध्यक्ष मंगल सरदार ने किया. इस मौके पर बिरसा गोप, शैली शैलेंद्र सिंकु, गोविंद महतो, अंसार अहमद, श्यामल सिंघा, विशाल गुड़िया, संजय कांडीर, सुखलाल गोप, अरिल सिंकु, बसंत तांती, सुधांशु नायक, जोसेफ गगराई, रोशन, मिलन हेंब्रम, गंजु लामाय, शिव गगराई, केशव चंद्र तांती समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.
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