नोवामुंडी.
नोवामुंडी के दूधबिला गांव में शुक्रवार को सामुदायिक बैठक की गयी. इसकी अध्यक्षता उपमुंडा गुरुचरण चातोम्बा ने की. ग्रामीणों और विद्यार्थियों ने शिकायत की है कि मंदिर में सुबह और शाम तेज साउंड में भजन बजाने से पढ़ाई पर प्रभाव पड़ता है. ग्रामीणों और छात्रों ने कम आवाज में भजन बजाने का प्रस्ताव रखा. कार्यवाहक मुंडा से छात्रहित में कार्रवाई की मांग की. बैठक में छात्रों, ग्रामीणों और मंदिर समिति के सदस्यों की मौजूदगी रही. बैठक में छात्र चंद्रमोहन चातोम्बा ने कहा कि पढ़ाई के समय जोर से बजने वाले भजन से ध्यान भटकता है. जोटेया चातोम्बा (16 वर्ष) ने बताया कि पहले ऐसा शोर नहीं होता था, अब पढ़ाई प्रभावित हो रही है. शंकर चातोम्बा का कहना था कि भजन जरूरी है, क्योंकि यह आस्था का विषय है, लेकिन शाम में कोचिंग क्लास होती है, इसलिए साउंड कम होना चाहिये. सोनाराम चातोम्बा ने कहा कि मंदिर से जुड़ा हर काम मुण्डा को जानकारी देकर करना चाहिये. मंदिर समिति के सदस्य सुभाष गोप ने बताया कि सभी जानकारी व्हाट्सएप ग्रुप में साझा की जाती है, इसलिए बैठक की आवश्यकता नहीं थी. अंत में, मुंड़ गुरुचरण चातोम्बा ने निर्णय दिया कि मंदिर का संचालन समिति करेगी, पर साउंड लिमिट में रखा जाएगा, ताकि गांव के छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

