चाईबासा. पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती मनायी गयी. कार्यक्रम की शुरूआत प्रभारी प्रधानाचार्य अरविंद कुमार पांडेय, शिशु बाल किशोर भारती के अध्यक्ष कार्तिक कुमार और बाबू वीर कुंवर सिंह के स्वरूप में बने निखिल शर्मा ने संयुक्त रूप से भारत माता, बाबू वीर कुंवर सिंह व महारानी अहिल्याबाई होलकर की तस्वीर पर दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्पित कर किया. इस दौरान प्रभारी प्रधानाचार्य ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही व महानायक थे. वे अन्याय विरोधी, स्वतंत्रता प्रेमी व कुशल सेनानायक थे. उन्हें 80 वर्ष की उम्र में भी लड़ने तथा विजय हासिल करने के लिए जाना जाता है. कर्यक्रम प्रमुख संजय कुमार ने भी बाबू वीर कुंवर सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला और कहा कि उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के सबसे बड़े योद्धा माना जाता था. कार्यक्रम का संचालन दिप्ती, अलीशा कुमारी और संजय कुमार व धन्यवाद ज्ञापन नरेश राम ने किया.
संघर्ष व बलिदान के प्रतीक हैं कुंवर सिंह : प्रधानाचार्या
नोवामुंडी. पद्मावती जैन सरस्वती शिशु मंदिर में बुधवार को वीर कुंवर सिंह जयंती मनायी गयी. विद्यालय की प्रधानाचार्या सीमा पालित व संगीत आचार्य अजय कुमार ने वीर कुंवर सिंह की तस्वीर के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. चित्रांकन प्रतियोगिता कक्षा तृतीय से पंचम तक व कक्षा षष्ठम से नवम तक आयोजित की गयी. इसमें शिशु वर्ग में प्रथम प्रियांशु कुमार ठाकुर, द्वितीय सुभाष बारजो, तृतीय श्वाति बारजो को मिला. बाल वर्ग में प्रथम सम्प्रीति पालित, द्वितीय ज्योति करुणा व तृतीय पीहू राउत को को मिला. पृथ्वी दिवस पर चित्रांकन प्रतियोगिता में विजेता विद्यार्थियों को भी पुरस्कार प्रदान किया गया. प्राचार्या ने कहा कि वीर कुंवर सिंह के जीवन से बच्चे त्याग, बलिदान, देश प्रेम, संघर्ष की सीख लें. कार्यक्रम में सभी शिक्षिकाएं, शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है