चक्रधरपुर.
श्व एड्स दिवस पर सोमवार को सूर्या नर्सिंग कॉलेज में विशेष जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों एवं समुदाय में एचआइवी/एड्स के प्रति जागरुकता बढ़ाना था. इससे जुड़े मिथकों को दूर करना तथा सुरक्षित व्यवहार और उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की सही जानकारी प्रदान करना था. इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि एड्स के खिलाफ लड़ाई में सामूहिक भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है. सामूहिक प्रयास से ही इस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण संभव है. इसके बाद कॉलेज के छात्र सैमुअल कुजूर ने प्रभावशाली उद्बोधन दिया. अपनी स्पीच में उसने एड्स के फैलने के कारणों, इससे जुड़े प्रचलित भ्रम, रोकथाम के उपाय, सुरक्षित व्यवहार तथा समय पर जांच के महत्व पर प्रकाश डाला. उनकी बातों ने न केवल छात्रों की समझ बढ़ाई, बल्कि उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित भी किया.छात्रों ने नाटक से दिया जागरुकता का संदेश
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण छात्रों द्वारा प्रस्तुत शिक्षाप्रद नाटक रहा. नाटक में वास्तविक घटनाओं पर आधारित दृश्यों के माध्यम से बताया गया कि किस प्रकार गलत धारणाएं लोगों को भय और भेदभाव की ओर ले जाती है. जबकि समय पर परीक्षण और उपचार व्यक्ति के जीवन को सुरक्षित रख सकता है. प्रस्तुति अत्यंत सशक्त, संवेदनशील और जागरुकता बढ़ाने वाली रही. नाटक में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं में अर्चना बेलोंग, सुष्मिता बोयपाई, समीर मिंज, भारती जामुड़ा, खुशबू कुजूर, निभा मिंज, खुशबू टेटे, दीक्षा बाड़ा, प्रीति मिंज, प्रीति कुमारी, सोनाली सुना, सलोनी सामद, खुशबू लाकड़ा, दुरपति कुमारी और अल्का टोप्पो शामिल थे. प्रतिभागियों ने अपनी भूमिकाओं से एड्स के प्रति जागरुकता का सशक्त संदेश दिया. कॉलेज प्रशासन ने छात्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जागरुकता ही एड्स जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने का सबसे प्रभावी उपाय है. छात्रों का उत्साह, टीमवर्क और सामाजिक सरोकार सराहनीय है. इस कार्यक्रम ने समाज में जागरुकता फैलाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

