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Chaibasa News : तीर्थ मेला में उमड़ा आस्था का जनसैलाब

खूंटपानी में रोमन कैथोलिक समुदाय का धार्मिक समारोह, 50 पुरोहित व 10 हजार से अधिक श्रद्धालु हुए शामिल

पश्चिमी सिंहभूम के खूंटपानी में शनिवार को आयोजित 152वीं वर्षगांठ सह तीर्थ मेला में रोमन कैथोलिक समुदाय की आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. सुबह से ही हजारों श्रद्धालु माता मरियम के दर्शन और मिस्सा पूजा में शामिल होने पहुंचे. पूरे परिसर में भक्ति गीत, प्रार्थना और धार्मिक उल्लास का माहौल बना रहा.

धार्मिक विधि-विधान के साथ मिस्सा पूजा संपन्न:

कार्यक्रम की शुरुआत कैथोलिक धार्मिक परंपरा के तहत मिस्सा पूजा से हुई. सबसे पहले माता मरियम के गोरोटो के समक्ष रोजरी माला सह विनती कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसके बाद नृत्य के साथ पुरोहितों का स्वागत जुलूस कार्यक्रम स्थल तक लाया गया. मुख्य अनुष्ठाता द्वारा मशाल प्रज्ज्वलन के साथ समारोह का शुभारंभ हुआ. इसके बाद पूर्वजों के नाम गाड़े गये शिला पत्थर को जल व हल्दी पानी से स्नान कर तेल व अरवा चावल अर्पित किए गए और सामूहिक प्रार्थना की गयी. मुख्य अनुष्ठाता जमशेदपुर धर्मप्रांत के आर्च बिशप तेलोस्फर बिलुंग के नेतृत्व में पुरोहितों ने गोरोटो पर चढ़कर माता मरियम का माल्यार्पण व दर्शन किया. इसके बाद मिस्सा पूजा की मुख्य प्रार्थना हुई.

विश्वासियों की उमड़ी भीड़, सामूहिक प्रार्थना और भक्ति गीतों की गूंज

पूजा के बाद माता मरियम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के लिए द्वार खोले गये. विश्वासियों ने माता मरियम के समक्ष सुख-शांति और समृद्धि की कामना की. बाइबल जुलूस, बाइबल पाठ और मुख्य अनुष्ठाता के संदेश के बाद परम प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ. कार्यक्रम में रोजरी माला विनती बासाहातु पल्ली के प्रचारकों द्वारा तथा प्रवेश नृत्य टोकलो पल्ली के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया. मशाल प्रज्ज्वलन एवं शिला पत्थर का स्नान व पुष्पार्पण खूंटपानी पल्ली के बागुन दोंगो के नेतृत्व में हुआ. प्रार्थना सभा का संचालन डीकन धनसार सामड (हो भाषा) और डीकन नबीर एक्का (हिंदी) ने किया. गायक मंडली चाईबासा पल्ली की थी, जबकि बाइबल जुलूस का नेतृत्व झींकपानी पल्ली और महिला संघों ने किया. मंच संचालन फ्रांसिस जेवियर देवगम ने किया और धन्यवाद ज्ञापन फादर चोन्हास खलखो ने दिया.

10 हजार से अधिक श्रद्धालु हुए शामिल:

सुबह से ही विश्वासियों का आगमन शुरू हो गया था. करीब 50 पुरोहितों के अलावा 10 हजार से अधिक श्रद्धालु इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए. कार्यक्रम में पश्चिमी सिंहभूम, रांची, सिमडेगा, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों से श्रद्धालुओं ने भाग लिया.

आस्था का केंद्र बना खूंटपानी का गोरोटो

संत जेवियर्स रोमन चर्च, चाईबासा के पल्ली पुरोहित फादर निकोलस केरकेट्टा ने कहा कि खूंटपानी, चाईबासा-चक्रधरपुर मार्ग के बीचोंबीच स्थित माता मरियम का भव्य गोरोटो आज पूरे कैथोलिक समुदाय के लिए आस्था का केंद्र बन चुका है. दूर-दराज से लोग यहां अपनी मन्नतें मांगने आते हैं और श्रद्धालुओं का विश्वास है कि माता मरियम के आशीर्वाद से उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

ईश्वर के मुख से निकला वचन ही सृष्टि की पूर्णता का प्रतीक है : तेलोस्फर बिलुंग

मुख्य अनुष्ठाता आर्च बिशप तेलोस्फर बिलुंग ने अपने संदेश में कहा कि वचन और विश्वास ही मनुष्य के जीवन में परिवर्तन लाता है. उन्होंने कहा कि ईश्वर के मुख से निकला वचन ही सृष्टि की पूर्णता का प्रतीक है. रोटी और चावल के साथ विश्वास भी उतना ही आवश्यक है. मनुष्य के जीवन में सच्चा परिवर्तन वचन और विश्वास से ही आता है. बिशप ने बताया कि 8 नवम्बर 1873 को खूंटपानी की इसी पवित्र धरती पर बंदगांव के छह मुंडा परिवारों के 28 सदस्यों ने विश्वास के साथ ईसाई धर्म अपनाया था. इनका बपतिस्मा आर्च बिशप स्टाइंस के हाथों संपन्न हुआ था. इन्हीं परिवारों जोसेफ रावकन, पेत्रुस सिदमा, पौलुस रामसाय, जोहन करमसिंह, अंद्रेयस सिबी और इग्नासियुस नगु की आस्था ने छोटानागपुर में कैथोलिक धर्म की नींव रखी. उन्हीं की स्मृति में हर वर्ष यह खूंटपानी तीर्थ मेला आयोजित किया जाता है.

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