चक्रधरपुर.
छठ पूजा के तीसरे दिन 27 अक्तूबर को छठव्रति अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ देंगे. खरना पूजा के बाद से छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया. 28 अक्तूबर को उदीयमान भास्कर को अर्घ के साथ कठिन व पवित्र व्रत का समापन होगा. छठ महापर्व को लेकर घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. महापर्व की खुशी में सभी घाटों को आकर्षक फूलों से सजाया गया है. विशेष लाइटिंग की गयी है. सभी घाट आकर्षक विद्युत सज्जा से चकाचौंध है. सीढ़ी नदी छठ घाट, बलिया नदी छठ घाट, थाना नदी छठ घाट में छठव्रति व श्रद्धालुओं के लिए आकर्षक त्वरण द्वार बनाये गये हैं. दंदासाई वार्ड संख्या-पांच स्थित छठ घाट, आसनतलिया छठ घाट व बोड़दा पुल छट घाट में छठव्रतियों व श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं. छठ पूजा समिति के संरक्षक सह विधायक सुखराम उरांव के नेतृत्व में 50 से अधिक सदस्य छठ घाटों पर जमे हैं. छठ घाटों पर श्रद्धालु व व्रतियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है. छठ गीतों से पूरा शहर भक्तिमय हो गया है. पूजा को लेकर शहर के बाजारों में खरीदारों की भीड़ उमड़ी.श्रद्धालुओं के बीच भोग का हुआ वितरण
लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व के दूसरे दिन खरना पूजा की गयी. छठ व्रती प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के नये चूल्हे तथा प्रसाद की पवित्रता को लेकर आम की लकड़ियों का इस्तेमाल किया. पूरे दिन व्रत रखने के बाद छठव्रति शाम को देवी-देवताओं व छठी मैया को भोग लगाने के बाद व्रत का प्रसाद ग्रहण किया. खरना पूजा के बाद श्रद्धालुओं के बीच भोग वितरण किया गया. छठ मैया में लगी खीर का भोग खाने के लिए लोग एक दूसरे के घर गये. इस दौरान शहर में काफी चहल-पहल देखी गयी.सीढ़ी छठ घाट को अल्पना से सजाया गया
पुरानीबस्ती के सीढ़ी घाट को अल्पना की कलाकृति से सजाया गया है. यह आकृति सीढ़ी और सड़क पर किया गया है. लाल रंग पर सफेद रंग से अल्पना की गयी है. बताया जाता है कि अल्पना बंगाली लोककला शैली है. इसमें रंगीन रुपांकनों, पैटर्न और प्रतीकों को शामिल किया जाता है. इसे धार्मिक अवसरों पर चावल के आटे से बने पेंट से फर्श और दीवारों पर चित्रित किया जाता है. अल्पना बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में आम है.शिरडी साईं भक्त मंडल नि:शुल्क दूध वितरण करेगा
चक्रधरपुर के मुख्य सीढ़ी नदी छठ घाट में श्री श्री शिरडी साईं भक्त मंडल की ओर से श्रद्धालुओँ के बीच नि:शुल्क दूध वितरण किया जायेगा. संस्था के गणेश पाड़िया ने बताया कि 27 अक्तूबर की शाम तथा 28 अक्तूबर की सुबह भक्तों के बीच दूध का वितरण किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

