चाईबासा.
चाईबासा जिला परिवहन विभाग को वर्ष 2024 से 2025 की अवधि में व्यावसायिक एवं गैर-व्यावसायिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन से बीते छह माह में लगभग 118.5 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई है. इस दौरान 1,500 से अधिक व्यावसायिक और 6,000 से अधिक गैर-व्यावसायिक वाहन पंजीकृत किये गये. अगर पूरे वर्ष का आंकड़ा देखा जाए तो अप्रैल 2024 से सितंबर 2025 तक यह राशि बढ़कर करीब 1,303.7 करोड़ रुपये तक पहुंचती है. अनुमान है कि इसी अवधि में जिले में कुल 15,000 वाहन रजिस्टर हो चुके हैं. अकेले चाईबासा शहर में वाहनों की संख्या में सालाना 2,000 से अधिक की वृद्धि हो रही है. हालांकि, बढ़ती संख्या के अनुपात में सड़क और ट्रैफिक व्यवस्था में कोई ठोस सुधार नहीं हुआ है. न तो सड़कें चौड़ी हो रही हैं, न ही पार्किंग या यातायात नियंत्रण की कोई मुकम्मल योजना लागू हो पायी है. नतीजतन, शहर की सड़कों पर आये दिन जाम की स्थिति बनी रहती है. चाईबासा कमिश्नरी मुख्यालय होने के कारण कार्यदिवसों में बाहर से भी सैकड़ों पर वाहन आते हैं, जिससे स्थिति और भी बिगड़ जाती है. यदि समय रहते सुनियोजित योजना नहीं बनायी गयी, तो आने वाले दिनों में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा सकती है.बस स्टैंड की व्यवस्था चरमरायी
नगरपालिका क्षेत्र स्थित बस स्टैंड की व्यवस्था अब पूरी तरह चरमरा चुकी है. यहां सरकारी और प्राइवेट बसों के लिए दो तरह की पार्किंग व्यवस्था है, लेकिन जितनी संख्या में बसों के खड़े होने की सुविधा उपलब्ध है, उससे कई गुना अधिक बसें रोजाना पार्किंग के लिए स्टैंड में प्रवेश करती हैं.इससे प्रतिदिन बसों के आने-जाने के समय जाम की स्थिति बनी रहती है. पुलिस-प्रशासन की ओर से स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास जरूर किये जाते हैं, लेकिन ठोस समाधान के अभाव में व्यवस्था सुधर नहीं पा रही है. स्थानीय लोगों की राय है कि बस स्टैंड के पास स्थित कचरे से भरे तालाब की जगह यदि पार्किंग की वैकल्पिक व्यवस्था की जाती, तो बसों के आवागमन में हो रही दिक्कत काफी हद तक कम हो सकती थी.
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