चाईबासा. चाईबासा में दुर्गा पूजा की तैयारियां इस बार भारी बारिश के बावजूद पूरे उत्साह के साथ हो रही हैं. बारिश के कारण पूजा समितियों को पंडाल निर्माण में दिक्कतें जरूर आ रही हैं, लेकिन श्रद्धालुओं में कोई कमी नहीं दिख रही. रविंद्र भवन में इस बार विशेष आकर्षण के रूप में कोलकाता से महिला ढाकी दल बुलाया गया है. दल में 10 महिलाएं शामिल होंगी, जो लगातार पांच दिनों तक ढाक बजाकर भक्ति का माहौल बनाएंगी. हर साल की भांति इस बार भी नवमी के दिन कुंवारी कन्या की पूजा की जायेगी. परंपरा अनुसार उक्त कन्या को साड़ी और आभूषणों से सजाया जायेगा तथा गहनों के साथ विदाई दी जायेगी. माना जाता है कि यह पूजा मां दुर्गा को प्रसन्न करती है. 2001 से लगातार यहां यह परंपरा निभायी जा रही है. पूजा समिति के सचिव सह अधिवक्ता आशीष कुमार सिन्हा ने बताया कि सार्वजनीन पूजा समिति द्वारा रवींद्र भवन में पूरे धूमधाम और आस्था के साथ पूजा का आयोजन किया जाता है. पंडाल में सीसीटीवी की व्यवस्था और स्वच्छता बनाये रखने के लिए डस्टबिन भी लगाये गये हैं. इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे, जिनमें जमशेदपुर, कोलकाता और चक्रधरपुर के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे. श्रद्धालुओं के लिए दोपहर और शाम में प्रसाद वितरण की भी व्यवस्था रहेगी.
बजट कमी से नहीं होगा महिषासुर मर्दिनी नाटक:
पूर्व में चाईबासा में हरिबोल दुर्गा मंदिर सरस्वती पूजा समिति तथा शारदा संगीतालय के सहयोग से बंगाल के कलाकारों द्वारा सप्तमी के दिन महिषासुर मर्दिनी नाटक का मंचन कराया जाता था. पिछले वर्ष यह कार्यक्रम पिल्लई हॉल दुर्गा पूजा समिति की ओर से आयोजित किया गया था.लेकिन इस बार बजट की कमी के चलते इस लोकप्रिय नाटक का मंचन संभव नहीं हो पाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

