चाईबासा. कोल्हान विश्वविद्यालय के टाटा कॉलेज चाईबासा के पंजाब नेशनल बैंक के खाते से फर्जी चेक से एक करोड़ 58 लाख 96 हजार 800 रुपये की निकासी कर ली गयी है. घटना चार फरवरी, 2025 की बतायी गयी है. इस संबंध में 14 दिन बाद मुफ्फसिल (चाईबासा) थाना में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ परशुराम सियाल ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसकी जानकारी राज्यपाल सचिवालय के ओएसडी (जे) और झारखंड मानव संसाधन विकास विभाग के डायरेक्टर को दी गयी है.
सीसीटीवी फुटेज और कागजात की हुई जांच
इस संबंध में मंगलवार की शाम कॉलेज के एकाउंट की जांच की गयी. कोल्हान विवि के प्रभारी कुलपति हरि कुमार केसरी के निर्देश पर पूर्व कुलसचिव सह सोशल साइंस के डीन डॉ राजेन्द्र भारती, वर्तमान कुलसचिव डॉ पी सियाल व वित्त पदाधिकारी डॉ बीके सिंह ने सीसीटीवी फुटेज व बैंक खाते से संबंधित कागजात की जांच की.
रामगढ़ और कटक के बैंक की शाखा में भेजी गयी राशि :
जांच में पता चला है कि कॉलेज के अकाउंट (ए) से उक्त राशि का ट्रांसफर दो अलग-अलग बैंकों में हुआ है. इनमें रामगढ़ (झारखंड) स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में शांतु चिन्ता इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड के खाते में 91 लाख 49 हजार 300 रुपये भेजे गये हैं. वहीं, कटक (ओडिशा) के राधारानी इंटरप्राइजेज के आइडीएफसी बैंक खाते में 67 लाख 47 हजार 500 रुपये भेजे गये हैं. चेक पर फर्जी हस्ताक्षर कर धोखाधड़ी की गयी है.प्रोफेसर इंचार्ज ने वित्त पदाधिकारी से पूरा ब्योरा मांगा :
इस संबंध में टाटा कॉलेज के प्रोफेसर इंचार्ज ने कोल्हान विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी को लिखित जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कॉलेज के अकाउंट (ए) से उक्त राशि दोनों बैंकों में संबंधित कंपनियों के खातों में भेजे गये हैं. अकाउंट (ए) कॉलेज से संबंधित है. उक्त दोनों भुगतान के बारे में कॉलेज प्रशासन को जानकारी नहीं है. इस संबंध में पूर्ण ब्योरा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.सभी कॉलेजों को अकाउंट का ब्योरा देने का निर्देश
मामला सामने आने के बाद कोल्हान विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों समेत टाटा कॉलेज में हड़कंप मच गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने मंगलवार की देर शाम सभी कॉलेजों के प्राचार्यों को उनके कॉलेज अकाउंट का ब्योरा जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.तीन पदाधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर से हुई निकासी
राशि की निकासी में टाटा कॉलेज के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ एससी दास, केयू के वित्त पदाधिकारी डॉ बीके सिंह व वर्तमान कुलसचिव डॉ पीके सियाल के फर्जी हस्ताक्षर का उपयोग किया गया है.पीएनबी से सीसीटीवी फुटेज मांगा, राशि वापस करने को कहा
केयू के वित्त पदाधिकारी ने पंजाब नेशनल बैंक प्रबंधन को सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने को कहा है. वहीं, बिना जांच के उक्त राशि की निकासी की बात कही गयी है. इस प्रकार का कोई चेक विश्वविद्यालय से निर्गत नहीं किया गया है. उक्त राशि को तत्काल वापस करने को कहा गया है. वहीं, अपने स्तर पर एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है. जिन बैंकों में राशि ट्रांसफर किया गया है, उसकी शाखा को अविलंब सूचित करते हुए सभी लेने-देन को बंद करने के लिए कहा गया है.कोट
मामले में चाईबासा के मुफ्फसिल थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. जांच के बाद स्पष्ट होगा कि फर्जीवाड़ा कैसे हुआ है. -डॉ. पी सियाल, कुलसचिव, केयूडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है