चाईबासा.उपभोक्ता आयोग के चाईबासा कार्यालय ने उपभोक्ता को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित करने के मामले में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की चाईबासा शाखा को एक लाख रुपये मुआवजा व मुकदमा खर्च के एवज में 50 हजार रुपये देने का आदेश दिया है. बैंक को उक्त राशि 60 दिनों के भीतर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर सहित भुगतान करना होगा, अन्यथा जबरन वसूली की कार्रवाई होगी. बताया गया कि वर्ष 2008 में शिकायतकर्ता ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की चाईबासा शाखा से 50 हजार का टर्म लोन व 4,00,000 का पूंजीगत ऋण आयुर्वेदिक दवा निर्माण इकाई स्थापित करने को लिया. यह ऋण ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम (आरइजीपी) के तहत था. ग्राहक को कुल ऋण राशि का 25 प्रतिशत सब्सिडी के रूप में मिलना था.
शिकायतकर्ता ने समय पर ईएमआइ (मासिक किश्त) का भुगतान किया. बैंक ने सब्सिडी नहीं दी. उपभोक्ता से लगातार ईएमआइ वसूलता रहा. शिकायतकर्ता ने वर्ष 2015 में बैंक से सब्सिडी के लिए पत्राचार किया. बैंक ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया. वर्ष 2016 में शिकायतकर्ता ने कानूनी नोटिस भेजी, लेकिन बैंक ने प्रतिक्रिया नहीं दी. इसके बाद मामला उपभोक्ता आयोग में पहुंचा.
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