पिंड्राजोरा, इजरी नदी से बालू के अवैध खनन के विरोध में रविवार को ग्रामीण आक्रोशित हो उठे. कई गांवों के लोग व जनप्रतिनिधि एक साल से लिखित शिकायत कर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करा रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई. रविवार को चास प्रमुख बेला देवी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान दुर्गापुर के समीप स्थित पुल तथा इजरी के पानी को दिखाते हुए लोगों ने कहा कि खनन से नदी का पानी काफी गंदा हो गया है. नहाने पर खुजली व अन्य बीमारियां हो रही हैं. जानवर भी बीमार पड़ रहे हैं. कहा कि सोमवार को उपायुक्त व अन्य पदाधिकारियों को आवेदन दिया जायेगा. एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई नहीं की गयी, तो 50-60 गांवों के लोग उग्र आंदोलन करेंगे. चास प्रखंड प्रमुख बेला देवी ने कहा कि इस मामले को लेकर इजरी नदी किनारे बसे दुर्गापुर, कोलबेंदी, मामरकुदर, बुधूडीह , कुरा, खामारबेदी, कारमागोडा, आसनबनी, मधुनिया, उदलबनी, मोदीडीह, चाकुलिया, कदुवागोड़ा आदि गांव के ग्रामीणों ने एक साल पूर्व भी उपयुक्त बोकारो, जिला खनन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी चास, सीओ, बीडीओ व पिंड्राजोरा थाना प्रभारी को आवेदन देकर अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग की थी. उसके उपरांत एक से दो महीने तक बालू उत्खनन पर रोक लगी थी. नदी का पानी कुछ हद तक साफ भी हो गया था. बाद में अवैध खनन फिर शुरू हो गया. प्रदर्शन में पूर्व मुखिया युधिष्ठिर महतो, पूर्व उप मुखिया संतोष कुमार महतो, शिवचरण महतो ,कृति चंद महतो, देवेन महतो,जगदीश बाउरी, करमचंद राय, महावीर राय, निताई महतो, गोवर्धन बाउरी, तिलकधारी महतो, मेनका देवी, अनीता देवी, सावित्री देवी , कल्पना देवी, शकुंतला देवी, सुषमा देवी, प्रमिला देवी, काकजी देवी, कविता देवी , सनक देवी, महेश्वरी देवी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल थे.
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