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Bokaro News : 57 दिनों से बंद है ऐश पौंड से छाई की ट्रांसपोर्टिंग, 500 मेगावाट के पावर प्लांट हो सकती है परेशानी

Bokaro News : डीवीसी : 15 जुलाई से जारी है बेरमो हाइवा कोयलांचल ऑनर एसोसिएशन एवं विस्थापितों का आंदोलन

Bokaro News : डीवीसी के नूरी नगर स्थित ऐश पौंड में 15 जुलाई से बेरमो हाइवा कोयलांचल ऑनर एसोसिएशन एवं विस्थापितों के बेमियादी चक्का जाम आंदोलन के कारण करीब 57 दिनों से छाई की ट्रांसपोर्टिंग ठप है. ऐश पौंड से छाई की निकासी नहीं होने से 500 मेगावाट का पावर प्लांट बंद करना पड़ सकता है. आंदोलनकारियों की समस्या का अब तक कोई हल नहीं निकल सका है. आंदोलन समाप्त करने को लेकर डीवीसी प्रबंधन को पुलिस या प्रशासनिक सहयोग भी नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते डीवीसी के अधिकारी भी दुविधा की स्थिति में हैं.

नये टेंडर की मांग कर रहा है एसोसिएशन

एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलाबचंद महतो का कहना है कि डीवीसी के बोकारो थर्मल और चंद्रपुरा में छाई ढुलाई का कार्य करनेवाली ट्रांसपोर्ट कंपनियों द्वारा कम रेट पर निविदा लेकर बाहर से हाइवा लाकर छाई ट्रांसपोर्टिंग करा रही है. इससे स्थानीय वाहनों को नुकसान हो रहा है. छाई ट्रांसपोर्ट के लिए नया टेंडर निकालने, प्रति टन प्रति किमी दस रुपये भाड़ा बढ़ाने तथा ओवरलोडिंग बंद करने की मांग को लेकर एसोसिएशन आंदोलनरत है. आंदोलन में एसोसिएशन के जय प्रकाश साव, सुरेश साव के अलावा विस्थापित संगठनों के नरेश प्रजापति, विस्थापित फलजीत महतो, भोला कुमार तुरी, कृष्णा साव, प्रफुल्ल ठाकुर, लखी नारायण महलो, रामदेव, दौलत सिंह शामिल हैं.

टेंडर मामले में डीवीसी कुछ भी करने में असमर्थ : डीवीसी के ऐश पौंडों से छाई उठाव को लेकर टेंडर सहित टेंडर डीवीसी अपने पोर्टल एवं जैम (जीइएम) पोर्टल से ऑल इंडिया स्तर पर करवाती है. निविदा में एल वन रहनेवाली कंपनियों को निविदा का आवंटन किया जाता है. कम रेट पर काम लेकर आने वाली कंपनियां आंदोलनकारियों की मांग प्रति टन प्रति किमी दस रुपये की वृद्धि कैसे पूरी कर सकती है. डीवीसी प्रबंधन भी इसमें कुछ भी करने में असमर्थ है.

और 10 दिन आंदोलन चला, तो बंद करना पड़ सकता है ए पावर प्लांट

ऐश पौंड में 57 दिनों से आंदोलन जारी है. इससे डीवीसी के ऐश पौंड से छाई का उठाव बंद है. वहीं पावर प्लांट से बल्करों द्वारा ड्राई ऐश की ढुलाई का काम भी बंद का दिया गया है. अगर और 10 दिन आंदोलन चला, तो बोकारो थर्मल के 500 मेगावाट के ए पावर प्लांट को बंद करना पड़ सकता है.

क्या कहते हैं अधिकारी

रेट को लेकर आंदोलनकारियों की जो मांग है उसमें डीवीसी कुछ भी करने में असमर्थ है. रेट का निर्णय निविदा में भाग लेनेवाली कंपनियों द्वारा टेंडर के समय डाला जाता है. आंदोलन और कुछ दिन चलता रहा, तो छाई के कारण पौंड भर जायेंगे और मजबूरन पावर प्लांट को बंद करना पड़ सकता है. डीवीसी एवं राष्ट्र हित में आंदोलनकारियों को आंदोलन समाप्त कर सहयोग करना चाहिए. ताकि अबाध बिजली का उत्पादन किया जा सके.

मधुकर श्रीवास्तव, वरीय जीएम (ओएंडएम) डीवीसीB

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