21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Bokaro News : सरना कोड लागू करने की मांग उठी

Bokaro News : लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में संतालियों की 25वीं धर्म संसद में सरना कोड लागू करने की मांग उठी.

लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में संतालियों की 25वीं धर्म संसद जनजातीय अस्मिता की सामूहिक पीड़ा से मुखरित रही. सरना कोड लागू करने की मांग उठी. ओलचिकी लिपी के विकास, विस्तार का आह्वान करते हुए संरक्षण पर जोर दिया गया. सामाजिक जागरूकता का अभियान चलाकर पंडित रघुनाथ मुर्मू के सपने को साकार करने पर बल दिया गया. परगनाओं के धर्म गुरुओं ने वैसी साजिशों से सावधान रहने की बात कही, जिनसे उनका मौलिक चिंतन प्रभावित होता हो. जाहेरगढ़, धर्म, भाषा, लिपि व संस्कृति की रक्षा का प्रण लिया. इष्ट देवों का धार्मिक व संगीतमयी प्रवचनों, नृत्य व गीत के माध्यम से खूब बखान किया गया.

नेपाल से आये श्रद्धालुओं ने कहा

भक्ति, परंपरा और जनजातीय संस्कृति के इस विराट पर्व में इस वर्ष श्रद्धा का अनोखा संगम दिखा. देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश और अन्य देशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे. नेपाल के झापा, मोरंग आदि जिलों से 170 श्रद्धालुओं का जत्था आया. इसमें 90 महिलाएं और 80 पुरुष हैं. इन्होंने बताया कि लगातार पांच वर्षों से लुगु बाबा के दर्शन के लिए यहां आ रहे हैं. यह जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है. जत्था के प्रमुख ताला मुर्मू ने बताया कि हमलोगों की मान्यता है कि लुगु बाबा के दरबार में सच्चे मन से मांगी गयी मुराद हमेशा पूरी होती है. सावित्री हांसदा ने कहा कि लुगु बाबा पूरे संथाल समाज के देवता हैं. तलामय मुर्मू व मंगल हांसदा आदि ने कहा कि यहां आकर आत्मिक शांति की अनुभूति होती है. दरबारी चट्टान पर पूजा के समय ऐसा लगता है मानो स्वयं धरती और आकाश हमें आशीर्वाद दे रहे हो. शर्मीला हांसदा ने कहा कि यहां की मिट्टी में अजीब सी शक्ति है. मरांगमय हांसदा ने कहा कि नेपाल से ललपनिया आना किसी परदेश की यात्रा जैसी नहीं लगती है. घर लौटने जैसा लगता है. श्रद्धालुओं ने बताया कि नेपाल में संथाल समुदाय मुख्य रूप से पूर्वी तराई के झापा, मोरंग और सुनसरी जैसे जिलों में बसे हुए हैं और वहां हमारी आबादी लगभग पचास हजार है. नेपाल में संथालों का वहां के अन्य समुदायों के साथ कभी कोई टकराव नहीं होता. भाईचारा और सौहार्दपूर्ण संबंध है. अनिता सोरेन ने बताया कि नेपाल सरकार संथाल समाज को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देती है. वृद्धावस्था पेंशन के तहत प्रत्येक तीन माह पर 12 हजार रुपये और विधवाओं को आठ हजार रुपये दिये जाते हैं. गरीब संथाल परिवारों को आवास भी मिलता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel