संजय प्रसाद, गांधीनगर, सीसीएल बीएंडके एरिया की 100 वर्ष पुरानी बोकारो कोलियरी का भविष्य प्रस्तावित फेस टू परियोजना तय करेगी. बेरमो रेलवे गेट के समीप पुराने एक, दो, तीन नंबर बंद व पानी से भरी माइंस से पानी निकासी करने के बाद कोयला उत्पादन करना है. इस प्रस्तावित परियोजना में 24 मिलियन टन (240 लाख टन) वाशरी ग्रेड 4 का कोयला है. साथ ही यहां से 100 मिलियन टन क्यूबिक मीटर ओबी का भी निस्तारण किया जाना है. आउटसोर्स मोड पर खुलने वाली इस परियोजना की योजना मार्च 2024 में सीसीएल बोर्ड द्वारा अप्रूव्ड हुई थी. इसके बाद परियोजना को शुरू करने का प्रयास उच्च प्रबंधन द्वारा लगातार किया जा रहा है. लगभग 15 वर्ष की यह परियोजना है, परंतु वर्तमान में सात वर्षों के लिए इसका ग्लोबल टेंडर कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा निकाले जाने की प्रक्रिया चल रही है. इसमें 120 लाख टन कोयले की निकासी पहले चरण में की जायेगी. 450 लाख क्यूबिक मीटर ओबी का भी निस्तारण होगा.
सात हजार मिलियन गैलन पानी निकालना है चुनौती
इस बंद खदान में वर्षों से पानी भरा हुआ है. लगभग तीन दशक पूर्व यहां से कोयला निकासी की गयी थी और फिर इसे छोड़ दिया गया था. वर्तमान में इस बंद खदान में जहां से कोयला खनन किया जाना है, वहां लगभग सात हजार मिलियन गैलन पानी है. इसे निकालना सीसीएल प्रबंधन के लिए चुनौती पूर्ण कार्य होगा. पानी निकासी के बाद 40 मीटर ठोस परत है, जिसके नीचे से कोयला खनन किया जाना है. इसके अलावे पास में ही ओबी है, जिसे करगली परियोजना की बंद एक नंबर खदान में गिराने की योजना है. सीसीएल के सीएमडी नीलेंदु कुमार सिंह ने विगत दिनों अपने दौरे के क्रम में बेरमो में तीन परियोजनाओं को जल्द धरातल पर उतारे जाने की बात कही थी. इसमें बोकारो कोलियरी फेस टू परियोजना भी है. अगर यह परियोजना धरातल पर उतरी तो यहां के लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा.
बोकारो कोलियरी के पीओ एनके सिंह ने कहा कि फेस टू परियोजना को लेकर प्रबंधकीय प्रयास जारी है. सीसीएल बोर्ड द्वारा परियोजना का अप्रूव्ड किया जा चुका है. आगे की प्रक्रिया चल रही है. यह परियोजना के खुलने सेबोकारो कोलियरी का भविष्य उज्जवल होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

