दुगदा, कुड़मी समाज को एसटी में शामिल करने की मांग के विरोध में बुधवार को बोकारो जिला मुख्यालय में आयोजित आदिवासी आक्रोश महारैली में चंद्रपुरा प्रखंड से हजारों आदिवासी शामिल हुए. इससे पहले पारंपरिक वेशभूषा में हथियारों के साथ लोग दुगदा स्थित सिदो-कान्हू चौक पहुंचे. यहां उनकी आदमकद प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया. मांदर और नगाड़े की थाप पर पारंपरिक गीत गाते हुए दुगदा क्षेत्र की मुख्य सड़कों पर जुलूस निकाल कर भ्रमण किया. इस दौरान एक तीर एक कमान, आदिवासी एक समान, कुर्मी समाज होश में आओ आदि नारे लगाये गये. मौके पर लखी हेंब्रम,अनूप मुर्मू, बैद्यनाथ सोरेन, सुनील मुर्मू, प्रेम मांझी, अनिल मुर्मू, आर्शल मरांडी, रंजीत हांसदा, विजय मांझी, मिहिर टुडू, जीतन मुर्मू, फूलचंद मुर्मू, रूपलाल टुडू, ईश्वर टुडू ने संबोधित करते हुए कहा कि कुर्मी समाज की एसटी में शामिल होने की मांग करना आदिवासियों की अस्मिता पर हमला है. केंद्र एवं राज्य सरकार हमारे समाज के खिलाफ कोई भी कदम उठाता है तो देश भर में जोरदार आंदोलन होगा.
आक्रोश महारैली में शामिल हुए अंबटाेला के सैकड़ों लोग
तेनुघाट. पेटरवार प्रखंड अंतर्गत चांपी पंचायत के अंबाटोला से भी सैकड़ों लोग आदिवासी आक्रोश महारैली में शामिल हुए. धनेश्वर मुर्मू ने मौके पर कहा कि कुड़मी समाज झारखंड को खंडित करने का प्रयास कर रहा है. उन लोगों का मांग गलत है. इस मुद्दे पर पूरे विश्व के आदिवासी एक हैं.
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