विस्थापित बेरोजगार समिति के बैनर तले बरवाबेड़ा, लोधरबेड़ा व कुरपनिया बस्ती के ग्रामीणों ने रोजगार की मांग को लेकर साेमवार को सीसीएल बीएंडके एरिया की खासमहल कोनार परियोजना में काम ठप करा दिया. ट्रांसपोर्टिंग रोकने के लिए बरवाबेड़ा गांव के समीप सड़क पर धरने पर बैठ गये.
ग्रामीणों ने कहा कि बीकेबी आउटसोर्सिंग कंपनी के बंद होने से इन गांवों के दर्जनों विस्थापित रोजगार से वंचित हो गये हैं. इन गांवों के दर्जनों युवक एक साल से इस कंपनी में कार्यरत थे. 18 नवंबर को अचानक कंपनी ने अपना काम बंद कर दिया, जबकि उसका कार्य 18 महीने का था. हमारी जमीन पर मेगा प्रोजेक्ट चल रहा है और हमें ही रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरे खाना पड़ रहा है. गांव के कई युवक तो पहले ही पलायन कर चुके हैं. बीकेबी में कार्यरत रहे सभी मजदूरों को यहां काम कर रही केएसलएमएल व अन्य आउटसोर्स और ट्रांसपोर्ट कंपनियाें में रोजगार मुहैया कराया जाये.वार्ता में प्रबंधन ने दिया
आश्वासन
इधर, दोपहर बाद तीन बजे परियोजना कार्यालय में पीओ सत्येंद्र कुमार सिंह, मैनेजर सुमेधानंदन सहित अन्य अधिकारियों के साथ आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई. प्रबंधन की ओर से मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया गया. कहा कि नये पैच का कार्य शुरू होने पर समायोजित किया जायेगा. आउटसोर्स तथा ट्रांसपोर्ट कंपनी से भी बात कर समस्या का समाधान किया जायेगा. इसके बाद आंदोलन को स्थगित कर दिया गया. मौके पर वासुदेव महतो, दुर्गा महतो, रिंकू कुमार, विनोद महतो, मुकेश रवानी, मोहन महतो, गुलाम गोष, मंजूर खान, ललकू कुमार, कमल सिंह, विजय कुमार, हरि महतो, टेकलाल महतो, रंजीत महतो, संतोष सिंह, कन्हैया कुमार, प्रदीप महतो, जाबिर हुसैन, जसीम अंसारी, रूपलाल महतो, लाल घटवार, बंधन घटवार, इमरान, फैजान, दीपक कुमार, दिलेश्वर महतो, दिनेश सिंह, राजू महतो, अरमान अंसारी, एजाज अंसारी, रोशन आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

