गुरु खालसा व दीवान साहब को आकर्षक रूप से सजाया गया था.गुरुद्वारा में मत्था टेकने के श्रद्धालुओं का भीड़ उमड़ पड़ी थी. चास गुरुद्वारा में सुबह में ही पाठ, कीर्तन का शुरू हुआ, जो दोपहर तक चलता रहा. पाठ की समाप्ति के बाद सबद कीर्तन का दौर चला. सुबह से ही गुरुद्वारा परिसर में संगतों का पहुंचना आरंभ हो गया था.
जीजीपीएस स्कूल चास और बोकारो के बच्चों ने किया शब्द कीर्तन
स्थानीय रागी जत्था के साथ-साथ जीजीपीएस स्कूल चास और बोकारो के बच्चों द्वारा शब्द कीर्तन किया गया. गुरु घर के हेड ग्रंथी ने भी अपने सबद कीर्तन से संगत को निहाल किया.उसके उपरांत सरदार तरसेम सिंह और सुरेंद्र पाल सिंह के द्वारा भी गुरु नानक देव जी के विचारों और उपदेशों को जीवन में अपने का आह्वान किया गया.उसके बाद कोलकाता से आए भाई जसवंत सिंह रागी जत्थे ने कीर्तन से संगतों को निहाल किया.संगत को कीर्तन के माध्यम से जीवन प्रेम ,भाईचारा, समानता और मानवता जो समाज को सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी.आयोजन के माध्यम से स्थानीय सिख समाज ने अपनी परंपराओं को जीवित रखा और स्वयं से सेवा भाव को आगे बढ़ाया गया, गुरुद्वारा को लाइटिंग और फूलों से सजाया गया, अंत में गुरु घर का अटूट लंगर वितरित किया गया,गुरु नानक जयंती पर समस्त शहर में शांति प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया .
नगर में शांति एवं भाईचारे की अरदास की
मौके पर जसमीत सिंह, हरपाल सिंह, सतनाम सिंह, मनदीप सिंह, रविंद्र सिंह, इंदरप्रीत सिंह,साहब सिंह, जसबीर कौर ,अमरजीत कौर रजवंत कौर, बलविंदर सिंह, अमरजीत सिंह, उमेश सिंह ,अरविंदर भाटिया, वीर सिंह, नरेंद्र सिंह, हरप्रीत सिंह सहित अन्य ने भी सिख समाज एवं अन्य समुदायों को धन धन श्री गुरु नानक देव जी महाराज के प्रकाश पर्व की बधाई दी एवं नगर में शांति एवं भाईचारे की अरदास की .श्रद्धालुओं ने कहा कि गुरु नानक देव जी के उपदेश एक ईश्वर की भक्ति मानव सेवा और सत्य के मार्ग पर चलना आज भी समाज के लिए प्रेरणा स्रोत है,सभी ने गुरु नानक देव जी के बताएं मार्ग पर चलने का संकल्प लिया, कार्यक्रम में शहर के गणमान्य व्यक्ति समाज सेवी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

