Bokaro News : कसमार प्रखंड में रविवार जिउतिया परब पूरे नेग-नियम और पारंपरिक विधि से मनाया गया. खैराचातर, कसमार, बगदा, हिसीम, पिरगुल, सिंहपुर, टांगटोना, जामकुदर, मंजूरा, गर्री, सोनपुरा, दांतू, पोंडा, मधुकरपुर, दुर्गापुर, पुरनी बगियारी, भवानीपुर और चंडीपुर समेत दर्जनों गांवों में सुबह से ही माताएं परब की तैयारी में जुट गयीं. शाम को जगह-जगह घरों के आंगन डाली गाड़ कर संतान की दीर्घायु व सुख-समृद्धि की कामना के साथ पूजा-अर्चना की. बड़ी संख्या में महिलाओं ने पूजा-अर्चना में भाग लिया. परब के दौरान कतारी (ईख), चना, खीरा, बेलंदरी साग, भेलवा, चरचट्टी और बड़जरी जैसे पारंपरिक प्रतीकों का उपयोग किया गया. लोकमान्यता के अनुसार, बेलंदरी साग मातृत्व और पोषण का द्योतक है, जबकि कतारी जीवन की मिठास और सहनशीलता का प्रतीक मानी जाती है. कुड़मी समाज में जिउतिया परब पुत्र-पुत्री दोनों के लिए समान भाव से मनाया जाता है. इस परब के जरिए माताएं अपनी संतान के दीर्घ जीवन, सुख-समृद्धि और हर संकट से विजयी होकर लौटने की कामना करती हैं.
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