डीसी ने कहा कि जनता दरबार शासन-प्रशासन व आम नागरिकों के बीच संवाद का एक सशक्त माध्यम है. इससे न केवल लोगों की समस्याओं का प्रत्यक्ष समाधान होता है, बल्कि जनता का विश्वास भी प्रशासनिक तंत्र में मजबूत होता है.
जनता दरबार के दौरान एक बुजुर्ग पिता बेटे व बहू के विरुद्ध शिकायत लेकर पहुंचे. इस पर उपायुक्त ने कहा : यह बेहद दुखद है कि एक पिता को अपने ही बेटे-बहू के खिलाफ शिकायत लेकर यहां आना पड़ रहा है. यह केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि सामाजिक चिंता का विषय है. समाज को इस दिशा में आत्ममंथन करने की जरूरत है. उन्होंने अपील किया कि पारिवारिक व सामाजिक मूल्यों को सशक्त बनाए रखें ताकि वृद्धजन को सम्मान व सुरक्षा का वातावरण मिले.जनता दरबार में 57 आवेदन प्राप्त हुए. इनमें भूमि विवाद, पेंशन, पारिवारिक कलह, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, आवास, राशन कार्ड व जनसुविधा से संबंधित विषय प्रमुख रहे. उपायुक्त ने सभी आवेदनों पर गंभीरता से सुनवाई की. कई मामलों का निष्पादन मौके पर ही कर दिया गया. डीसी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक आवेदन पर संवेदनशीलता व त्वरित कार्रवाई के साथ काम करें, ताकि जनता को अनावश्यक चक्कर न लगाना पड़े.
एक पखवारे में सभी लंबित मामलों का करें निष्पादन
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि प्राप्त सभी आवेदनों पर अधिकतम एक पखवारे के भीतर निष्पादन रिपोर्ट प्रस्तुत हो. विभागीय स्तर पर लापरवाही या विलंब पाए जाने पर जवाबदेही तय की जायेगी. मौके पर डीडीसी शताब्दी मजूमदार, डीपीएलआर मेनका, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा पीयूष, डीएसओ शालिनी खालखो, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह व अन्य मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

