विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा, चंद्रपुरा में पानी में बहुत जल्द तैरते सोलर पैनल से बिजली बनने लगेगी. 10 मेगावाट क्षमता वाले फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरा कर ली गयी है. बहुत जल्द वाटर रिजर्वायर में पैनल लगाने का काम शुरू किया जायेगा. डीवीसी के पहले फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट को लेकर मुख्यालय प्रबंधन गंभीर है. योजना को लेकर पूर्व में ही सर्वे हो चुका है. प्रबंधन ने वाटर रिजर्वायर से जलकुंभी को हटा कर पूरी तरह से साफ कर दिया है. मुख्यालय से आयी टीम ने इसकी गहराई व कीचड़ की स्थिति का भी सर्वे किया है. मालूम हो कि डीवीसी अपने कमांड एरिया में फ्लोटिंग व ग्राउंड सोलर सिस्टम से बिजली उत्पादन करने को लेकर गंभीर है और इसके लिए कई स्थलों का चयन किया गया है. मैथन, पंचेत, कोनार व तिलैया डैम में भी इस सिस्टम को लगाया जायेगा. हाल ही में इसको लेकर कोनार डैम का निरीक्षण डीवीसी के सदस्य सचिव जान मथाई ने किया है. तिलैया में ग्राउंड सोलर सिस्टम को लेकर एनआइटी हो चुका है. मैथन, पंचेत व कोनार जैसे कई डैम हैं, जहां फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाया जा सकता है. बताया गया कि इस सिस्टम में एक लेंस और कई सोलर सेल का इस्तेमाल किया जाता है. लेंस को बीच में और सोलर सेल को उसके चारों ओर सूरजमुखी फूल की तरह लगाया जाता है और फिर इसे पानी पर तैराया जाता है. खराब मौसम में भी ये ढांचा सही सलामत रहता है.
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