राकेश वर्मा, बेरमो : सीसीएल में सालाना 14.5 मिलियन टन क्षमता वाली पांच नयी कोल वाशरी अस्तित्व में आयेंगी. कथारा में तीन, ढोरी में तीन, स्वांग में 1.5, न्यू केदला में चार और रजरप्पा में सालाना तीन मिलियन टन क्षमता वाली वाशरी बनेगी. ग्लोबल कोल माइंस नामक निजी कंपनी करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से कथारा में पुरानी वाशरी के निकट नयी वाशरी का निर्माण करेगी. कथारा की पुरानी वाशरी 54 साल पहले बनी थी. किसी वाशरी की लाइफ 20 साल ही होती है. पुरानी कथारा वाशरी की भी सालाना उत्पादन क्षमता तीन मिलियन टन थी, लेकिन पुराना होने के कारण उत्पादन क्षमता मात्र .8 मिलियन टन हो गयी है. फिलहाल सालाना इस वाशरी से .55 (साढ़े पांच लाख टन) वॉश कोल का उत्पादन हो रहा है. कथारा एरिया की स्वांग वाशरी भी 50 साल पुरानी हो चुकी है. इसकी उत्पादन क्षमता .75 मिलियन टन थी, जिसे अब घटा कर .2 मिलियन टन कर दिया गया है. सीसीएल के जीएम वाशरी के अनुसार स्वांग में भी इस वाशरी के स्थान पर सालाना 1.5 मिलियन वॉश्ड कोल क्षमता की कोल वाशरी बनेगी. इसके लिए इनवायरमेंटल क्लीयरेंस लेना है. दो माह के अंदर यहां इसके लिए ग्राम सभा की जायेगी. सीएमपीडीआइ इसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट बना रहा है.
बंद करगली कोल वाशरी के स्थान पर भी नयी वाशरी लगाने की योजना
बीएंडके एरिया की बंद करगली कोल वाशरी के स्थान पर भी एक नयी वाशरी लगाने की योजना है. सीसीएल मुख्यालय के वाशरी प्रबंधन का मानना है कि बंद करगली वाशरी के स्थान पर एक नयी वाशरी स्थापित करने के लिए यहां सारा इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है. बगल की कोलियरियों से कोयला भी मिल जायेगा. जमीन भी उपलब्ध है. मालूम हो कि वर्ष 2020 में सुरक्षा का हवाला देते हुए इस वाशरी को सीसीएल मुख्यालय के आदेश के बाद से बंद कर दिया गया है. इस वाशरी का उद्घाटन 1958 में देश के तत्कालीन गृह मंत्री केसी पंत ने किया था. पहले इस वाशरी को नन कोकिंग मोड में कोयला फीड कर चलाया गया. बाद में इसे कोकिंग कोल वाशरी कर दिया गया था. यहां से उत्पादित वॉश कोल डीवीसी के बीटीपीएस और सेल बोकारो के अलावा विशाखापत्तनम स्थित पावर प्लांट को जाता था. फिलहाल इस बंद वाशरी का मैन पावर 96 है. इसके अलावा एक परियोजना पदाधिकारी हैं. यहां एक लेबोरेट्री भी है, जिसमें काेयले के ग्रेड की जांच की जाती है.क्या कहते हैं सीसीएल के जीएम वाशरी
सीसीएल के जीएम (वाशरी) सुमन कुमार का कहना है कि जल्द ही सीसीएल में पांच नयी कोल वाशरी अस्तित्व में आयेंगी. बंद करगली वाशरी में भी नयी कोल वाशरी लगाने की कार्य योजना पर मंथन चल रहा है. अभी यह प्राइमरी स्टेज में है. सैद्धांतिक सहमति अभी नहीं हुई है. जल्द ही हेडक्वार्टर से बंद करगली वाशरी के लोहे का ई ऑक्शन का टेंडर कराया जायेगा. कहीं भी नयी माइंस व वाशरी अस्तित्व में आयेगी तो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन होता है. क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ती है.
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