आवेदन में पुरुलिया के माहुलखूंटा गांव निवासी जितेन दास ने कहा है कि 16 मार्च 2025 को उन्होंने बेटी की सादी लालटू दास के पुत्र संजय से की थी. तीन महीने बाद से दामाद बेटी के साथ मारपीट करने के साथ दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगा. दहेज के रूप में 60 हजार रुपये की मांग कर रहा था. गरीबी के कारण दामाद की मांग पूरी करने में देरी हो रही थी. इसी बीच दामाद काम करने मुंबई चला गया. मुंबई से भी वह मेरी बेटी को धमकी देता रहा. घटना के दिन मेरे दामाद ने फोन पर मेरी बेटी से दहेज की राशि देने की बात कही. कहा कि अगर पैसा नही दे सकती है तो फांसी लगाकर जान दे दो, नहीं तो हम घर आकर तुम्हारी जान ले लेंगे. इसके बाद प्रताड़ना से तंग आकर मेरी बेटी ने घर मे फांसी लगा ली. घटना के बाद मेरी बेटी को उसके भैसुर और गोतनी ने आनन फानन में इलाज के लिए पुरुलिया ले गये. वहां चिकित्सकों ने मेरी बेटी को मृत घोषित कर दिया. वंही मेरी बेटी के भैसुर ने इसकी सूचना मुझे फोन से दी और शव को अस्पताल में छोड़ कर भाग गये. हालांकि खबर लिखे जाने तक पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था.
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