गुरुवार को स्वदेश निर्मित सर्वे पोत ””इक्षक”” नौसेना में शामिल हुआ. इसके लिए बीएसएल ने 1000 टन एचआर शीट्स और प्लेट की आपूर्ति की है. बोकारो स्टील प्लांट में निर्मित स्टील का उपयोग अब नौसेना की शक्तियां बढ़ाने में लगातार हो रहा है. इसी कड़ी में भारतीय नौसेना के लिए अत्याधुनिक सर्वेक्षण युद्धपोत ””इक्षक”” के निर्माण में बीएसएल ने बड़ा योगदान दिया है. सटीक नजर, क्विक रिस्पॉन्स…मतलब, इक्षक के समंदर में उतरते ही भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ेगी.
आइएनएस विक्रांत में 7000 व कवरत्ती में 1000 टन डीएमआर ग्रेड विशेष स्टील की आपूर्ति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन को गति देने वाले युद्धपोत में सेल-बीएसएल के डीएमआर 249 ए ग्रेड एचआर शीट्स व प्लेट का इस्तेमाल हुआ है. इसपर समुद्री जल का प्रभाव नहीं पड़ता. समुद्री जल में उपयोग के लिए इसके लचीले गुण के कारण इसकी डिमांड अब स्वदेशी युद्धपोतों में व्यापक है. नौसेना में पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत में बीएसएल ने 7000 टन डीएमआर ग्रेड विशेष स्टील की आपूर्ति की है. आइएनएस कवरत्ती में बीएसएल के 1000 टन स्टील का उपयोग हुआ है. मतलब, आत्मनिर्भर भारत के तहत सैन्य शक्तियों को बीएसएल बढ़ा रहा है.बोकारोवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि इसमें बीएसएल का स्टील लगा है
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, कोलकाता द्वारा निर्मित इक्षक जहाज निर्माण में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का एक ताजा उदाहरण है. ””इक्षक”” नौसेना के बेड़े में आने वाला सर्वे वेसल लार्ज श्रेणी का तीसरा जहाज है. यह भारत की समुद्री सुरक्षा और ताकत को और अधिक मजबूत बनाएगा. यह जहाज तटीय इलाकों और गहरे समुद्र में बंदरगाहों, हार्बर और जहाजों के आने-जाने वाले रूट का पूरा सर्वे करने के लिए बनाया गया है. इससे प्राप्त होने वाला डेटा भारत की समुद्री सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा. बोकारो के लिए यह गर्व की बात है कि इसमें बीएसएल का स्टील लगा है.
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