Bokaro News : बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी के 500 मेगावाट वाले ‘ए’ पावर प्लांट को छठ पूजा के बाद 29 अक्तूबर से बंद कर दिया जायेगा. पिछले 105 दिनों से ऐश पौंड से छाई की छाई ट्रांसपोर्टिंग तथा पावर प्लांट के सेलो सिस्टम से ड्राई ऐश की ढुलाई का कार्य बल्करों से पूरी तरह ठप रहने तथा डीवीसी को मामले में कहीं से भी प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलने के कारण प्रबंधन ने आखिरकार पावर प्लांट को बंद करने का निर्णय ले लिया है. बोकारो थर्मल के विद्युत सह ऐश मैनेजमेंट सिस्टम के जीएम राजेश विश्वास ने शनिवार को इसकी जानकारी पूछे जाने पर दी. उनका कहना था कि 105 दिनों से छाई ट्रांसपोर्टिंग पूरी तरह ठप रहने से डीवीसी के एक और दो नंबर दोनों ऐश पौंड पूरी तरह से भर चुके हैं. इस स्थिति में पावर प्लांट को एक ओर जहां चला पाना संभव नहीं दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण प्रदूषण के मानकों की भी तलवार लटक रही है. ऐश पौंड की सुरक्षा और पर्यावरण संतुलन बना रहे, इसके लिए पावर प्लांट को बंद करना ही एकमात्र विकल्प रह गया था. जीएम ने कहा कि सामने छठ पूजा के कारण प्लांट को तीन से चार दिन चलाने का फैसला लिया गया, अन्यथा प्लांट शनिवार की रात से बंद करने पर विचार किया गया था. जीएम ने कहा कि डीवीसी के विभागीय इंजीनियर प्रतिदिन लगातार दिन में कई बाद ऐश पौंड का निरीक्षण क्लोज मॉनिटरिंग के तहत कर रहे हैं.
बोकारो डीसी एवं बेरमो एसडीएम से नहीं मिल रहा सहयोग :
डीवीसी के जीएम ने कहा कि विगत 105 दिनों से बंद ऐश पौंड को चालू कराने की दिशा में बोकारो डीसी एवं बेरमो एसडीएम से कोई सहयोग नहीं मिल पाया है. कहा कि तीन दिन पूर्व भी मामले को लेकर डीसी से मिलकर मामले में हस्तक्षेप कर छाई ट्रांसपोर्टिंग चालू कराने का आग्रह किया गया, परंतु डीसी ने मामले में बेरमो एसडीएम से बात करने को कहा. जीएम ने कहा कि छाई ट्रांसपोर्टिंग को चालू कराने को लेकर बेरमो विधायक कुमार जयमंगल एवं गिरिडीह के सांसद सीपी चौधरी से भी मिलकर बात की गयी, परंतु सकारात्मक परिणाम नहीं मिला.नॉर्मल समय में 350 तथा पीक ऑवर में 500 मेगावाट हो रहा बिजली उत्पादन :
डीवीसी के जीएम ने कहा कि बोकारो थर्मल के 500 मेगावाट वाले पावर प्लांट से नॉ0र्मल टाइम में 300-350 मेगावाट तथा पीक ऑवर में 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. पावर प्लांट बंद होने की स्थिति में झारखंड के कई जिलों को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है.कार्य से बैठाया जा सकता है एएमसी एआरसी मजदूरों को :
जीएम ने कहा कि 29 अक्तूबर से पावर प्लांट को बंद करने की स्थिति में प्लांट में कार्यरत सभी एएमसी-एआरसी मजदूरों को दुबारा प्लांट चालू होने तक कार्य से बैठाया जा सकता है, क्योंकि प्लांट बंद रहने की स्थिति में उन्हें बैठाकर भुगतान करना संभव नहीं है.ऐश पौंड टूटने की पुनरावृत्ति का खतरा :
छाई से पूरी तरह ऐश पौंड के भरने और छह फीट ऊपर तक छाई जमा करने से पौंड पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है और पौंड के टूटने की संभावना प्रबल हो गयी है. इसी प्रकार की स्थिति वर्ष 2019 के सितंबर में भी तत्कालीन एचओपी कमलेश कुमार के कार्यकाल में बनी थी, जब छाई की ट्रांसपोर्टिंग बंद थी और पौंड में छाई छह फीट तक जमा कर रखी गयी थी. उस समय बारिश के कारण पौंड पर अतिरिक्त दबाव पड़ा और 19 सितंबर 2019 को ऐश पौंड टूट गया और सैकड़ों टन छाई बहकर कोनार और दामोदर नदी में समाहित हो गयी थी. किसानों के धान की फसल बर्बाद हो गयी थी. इस मामले में एनजीटी ने डीवीसी पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. वर्तमान स्थिति उसी त्रासदी की पुनरावृत्ति का संकेत दे रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

