बोकारो, वेज रिवीजन को लेकर बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) की ओर से दायर मुकदमे पर बुधवार को सुनवाई हुई. इसमें मैनेजमेंट को तीन सप्ताह व यूनियन को दो सप्ताह का समय दिया गया. अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी. बीएकेएस की ओर से प्रिंसिपल बेंच कैट-नयी दिल्ली में दायर वेज रिवीजन केस का अपडेट बुधवार को आया.
हुई है धांधली : हरिओम
बीएकेएस बोकारो अध्यक्ष हरिओम ने बताया कि बीएकेएस की ओर से दायर मुकदमे पर बुधवार को हुई सुनवाई में प्रबंधन ने जूनियर वकील को भेजा था, जिसने आते ही अपने सीनियर वकील को बीमारी का हवाला दिया. तीन माह का जवाब देने के लिए समय मांगा. जून तक का समय देने की मांग की. इसपर यूनियन के वकील ने विरोध किया. यूनियन के वकील ने कहा कि सरकार व मैनेजमेंट ने संसद और पत्र के माध्यम से जवाब दे दिया है. सिर्फ जजमेंट देना है. हरिओम ने कहा कि सभी को जानकारी है कि वेज रिवीजन में धांधली हुई है. इस्पात मंत्री पहले ही संसद में लिखित जवाब दे चुके है. कानूनी प्रक्रिया के कारण मामले में विलंब हो रहा है.
एक जनवरी 2017 से बकाया है वेज रिवीजन
वेज रिवीजन एक जनवरी 2017 से बकाया है. पहले पांच साल पर वेज रिवीजन होता था. इसके बाद 10 साल पर करने का निर्णय सेल द्वारा लिया गया. 10 साल के निर्णय के बाद भी अभी तक 96 महीना पूरा होने के बाद भी वेज रिवीजन नहीं मिला है. इसके अलावा 15 परसेंट एमजीबी, 35 परसेंट पर्क, 9 परसेंट पेंशन अंशदान, ग्रेजुटीं से सीलिंग हटाने, लिव-इन कैशमेंट, ठेकेदार मजदूरों का नया वेतन, एक जनवरी 2017 से एरियल की मांग है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

