बोकारो, आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से आनंद नगर में आयोजित धर्म महासम्मेलन दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रहा. पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत ने कहा कि आज के भौतिकतावादी युग में यह प्रश्न अत्यंत प्रासंगिक है. हमें क्या ग्रहण करना चाहिए. क्या केवल धन, पद और सुख-सुविधाएं ही उपादेय हैं, या वे मूल्य जिन्हें अपनाकर जीवन सार्थक बनता है. सत्य, करुणा, धैर्य, त्याग और आत्मसंयम जैसे गुण ही वास्तव में ग्रहणीय हैं. कहा कि जब तक हम बाह्य भोगों में सुख खोजते रहेंगे, आत्मिक शांति दूर रहेगी. उन्होंने कहा कि आनंद मार्ग का यह दर्शन हमें सिखाता है कि गुरु वचन का पालन और धर्म के पथ पर चलना ही जीवन में सच्ची शुद्धि, विवेक और अंततः आनंद तथा मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग है.
बाबा नाम केवलम् महामंत्र के गायन से वातावरण हुआ दिव्य
सुबह में गुरुसकाश पांचजन्य सामूहिक साधना में साधकों ने बाबा नाम केवलम् महामंत्र का गायन कर वातावरण को मधुर और दिव्य बना दिया. हरि परिमंडल गोष्ठी (महिला विभाग) के अंतर्गत, आचार्या अवधूतिका आनंद आराधना आचार्या के नेतृत्व में साधिका बहनों ने भावपूर्ण कौशिकी नृत्य प्रस्तुत किया.
हरि परिमंडल गोष्ठी (सेवा धर्म मिशन) के अंतर्गत, आचार्य सुष्मितानंद अवधूत के निर्देशन में 25 बाल साधकों ने तांडव नृत्य प्रस्तुत कर वातावरण को आध्यात्मिकता से भर दिया. मौके पर केंद्रीय जनसंपर्क सचिव आचार्य कल्याणमित्रानंद अवधूत आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

