बोकारो, बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) ने सेल के वित्त वर्ष 2024-25 के वित्तीय परिणाम के बाद कंपनी के वास्तविक आंकड़ों को सार्वजनिक किया है. इसके अनुसार कर्मचारियों के मेहनत के बल पर सेल-बीएसएल पिछले कई वर्षों से रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रही है. कर्मचारियों के मेहनत का हीं परिणाम है कि कंपनी का प्रत्येक सेक्टर में प्रदर्शन उत्कृष्ट होता जा रहा है. बीएकेएस अध्यक्ष हरिओम ने शुक्रवार को कहा कि सेल मैनेजमेंट खुद कंपनी की स्वर्णिम गाथा को आंकड़ों द्वारा प्रकट कर रही है. प्रत्येक क्षेत्र में कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है. सेल अधिकारियों, बोर्ड मेंबर की सभी सुविधाएं भी सुचारु रुप से चालू है. सिर्फ कर्मियों व ठेका श्रमिकों के मुद्दे को अटकाया जा रहा है, जबकि उत्पादन के सभी कार्य यही दो वर्ग कर रहे है.
पीबीटी बगैर फाइनेंस कॉस्ट का 6114 करोड़ रुपया
बीएकेएस की ओर से बताया गया कि सेल ने उत्पादन के क्षेत्र में आयरन ओर माइनिंग-33.784 मिलियन टन, हॉट मेटल – 20.306 मिलियन टन, क्रूड स्टील – 19.174 मिलियन टन, सैलेबल स्टील – 17.94 मिलियन टन किया है. टर्नओवर 101716 करोड़ रुपया का हुआ है. एबिटा 11764 करोड़ रूपये है. पीबीटी (बगैर फाइनेंस कॉस्ट का) 6114 करोड़ रुपया है.
एक तिमाही में पांच मिलियन टन से अधिक उत्पादन
एक तिमाही में पांच मिलियन टन से अधिक उत्पादन हुआ है. कर्ज में कमी 29811 करोड़ रुपये का हुआ है. मैन पावर में कमी 2830 की हुई है. कोक रेट घटा 42 किग्रा/टीएचएम व सीडीआई बढ़ा 113किग्रा / टीएचएम स्पेशिफिक. एनर्जी खर्च घटा 6.26 जीसिएल/टीसीएस व बीएफ प्रोडक्टिविटि बढ़ा 2.02 टन/मिट्रिक क्यु/दिवस. मैनपावर कॉस्ट में कमी 11658 करोड़ रुपये का हुआ है.बीएकेएस ने प्रबंधकीय कार्यशैली पर उठाये प्रश्न
मॉडर्नाइजेशन के बाद अभी तक शत-प्रतिशत उत्पादन नहीं, एबीटा 11764 करोड़ रुपया के बावजूद 3008 रुपये ही पीबीटी, डेप्रिसिएशन राशि का आंकड़ा बढ़ना, 43000 रुपये के आसपास प्रोडक्शन लागत होने के बावजूद कम मुनाफा, अधिकारियों की संख्या अधिक होना व बिजली, पानी, रॉ मटेरियल की बर्बादी को नहीं रोकना.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है