कसमार, कसमार प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय, पिरगुल के सहायक शिक्षक पंकज कुमार जायसवाल शनिवार को सेवानिवृत होंगे. 17 जून 2004 को पिरगुल विद्यालय से सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति के बाद 13 जुलाई 2004 को उनकी प्रतिनियुक्ति राजकीय उच्च विद्यालय, दांतू में हुई. इसी वर्ष झारखंड अधिविद्य परिषद ने मैट्रिक परीक्षा में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करने की अधिसूचना जारी थी. लेकिन बड़ा चैलेंज था कि ऐसी भाषाओं में विद्यार्थियों को तैयार करने का. श्री जायसवाल आगे आये और दांतू उच्च विद्यालय में खोरठा भाषा की पढ़ाई शुरू करायी. उस समय विद्यालय में खोरठा के विद्वान एवं उपन्यासकार चितरंजन महतो चित्रा प्रधानाध्यापक थे. उन्होंने श्री जायसवाल का पूरा सहयोग किया. परिणाम सुखद रहा. पहली बार 60 छात्र-छात्राओं ने खोरठा विषय के साथ मैट्रिक की परीक्षा दी और लगभग 40 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से सफल हुए. जो विद्यालय के इतिहास में एक रिकॉर्ड था. यह उपलब्धि दांतू उच्च विद्यालय के लिए ही नहीं, झारखंड में क्षेत्रीय भाषाओं के पंकज जायसवाल स्वयं इतिहास में स्नातकोत्तर होने के साथ खोरठा में भी स्नातकोत्तर गोल्ड मेडलिस्ट हैं. श्री जायसवाल राजनीतिक-सामाजिक आंदोलनों से भी जुड़े रहे. कसमार प्रखंड में आम लोगों से वसूला गया घूस वापस करवाने की पहल से वे चर्चा में आये. श्री जायसवाल की खोरठा भाषा में कमेंट्री भी जोरदार होती है. सेवानिवृत्ति के साथ उनका सक्रिय शिक्षण सफर भले समाप्त हुआ हो, लेकिन क्षेत्रीय भाषा, शिक्षा और समाज के प्रति उनके योगदान को कसमार और दांतू क्षेत्र लंबे समय तक याद रखेगा
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