बोकारो, इस्पात मजदूर मोर्चा (सीटू) की ओर से बोकारो स्टील प्लांट गोलंबर के समक्ष शनिवार को मजदूर सभा आयोजित की गयी. यूनियन के महामंत्री आरके गोरांई ने कहा कि केंद्र सरकार अधिसूचना जारी कर श्रम संहिताओं को मजदूर समर्थक व आधुनिकीकरण के रूप में चित्रित कर रही है. जबकि, वास्तव में श्रम संहिता मजदूरों के कड़े संघर्षों से हासिल अधिकार व हक का हनन है. इस संहिता का मकसद कॉरपोरेट के शोषण, ठेकेदारी व अनियंत्रित नियुक्ति-बर्खास्तगी को सुविधाजनक बनाना है. चार लेबर कोड को सरकार निरस्त करे. श्री गोरांई ने कहा कि भारतीय श्रम सम्मेलन ट्रेड यूनियनों के लगातार आग्रह के बाद भी 10 वर्षों से नहीं बुलाया गया है. सीटू, एटक, इंटक, एचएमएस, सेवा, एआइयूटीयूसी, एआइसीसीटीयू, यूटीयूसी, टीयूसीसी व अन्य ट्रेड यूनियनों ने हर परामर्श में ठोस और अकाट्य तर्क व प्रमाण के साथ इन संहिताओं का विरोध किया है. चारों श्रम संहिता का नौकरी की सुरक्षा को नष्ट करना, हड़ताल के अधिकार का दमन, श्रम निरीक्षण को खत्म करना, ठेकेदारी व निश्चित अवधि के रोजगार का विस्तार करना, यूनियनों और सामूहिक सौदेबाजी को कमजोर करना व सामाजिक सुरक्षा की योजना को सीमित करना है. अध्यक्षता मोतीलाल मांझी ने की. मौके पर जमाल अंसारी, संजय अंबेडकर, मुनीलाल मांझी, हसनैन आलम व अन्य मौजूद थे.
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