पेटरवार, कृषि विज्ञान केंद्र पेटरवार में फसल सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के तहत किसान-वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन सोमवार को किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत वरीय वैज्ञानिक व प्रधान डॉ रंजय कुमार सिंह ने की. डॉ सिंह ने कहा कि बदलते मौसम, कीट एवं बीमारियों के कारण फसल सुरक्षा आज किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गयी है. फसल सुरक्षा के लिए समय पर रोग, कीट की पहचान करना, जैविक एवं रासायनिक उपायों का संतुलित प्रयोग करना आवश्यक है. फसल सुरक्षा संबंधी सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी और उन्हें इनका लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया. जिला कृषि पदाधिकारी बोकारो के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में कुल 80 किसानों ने भाग लिया. कार्यक्रम में जिले के जनसेवक, प्रखंड तकनीकी प्रबंधन, सहायक तकनीकी प्रबंधन सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे. डॉ एसपी कुमार ने किसानों को कीट प्रबंधन के आधुनिक तरीकों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि खेतों में फेरोमोन ट्रैप, प्रकाश प्रपंच, और जैविक कीटनाशकों का प्रयोग कर कीटों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे आवश्यकता से अधिक रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग से बचें. डॉ सुषमा सुरोज सुरीन ने बीमारियों की रोकथाम पर चर्चा करते हुए कहा कि बीज शोधन, फसल चक्र, और समय पर खेत की निगरानी से फसल में लगने वाली बीमारियों को काफी हद तक रोका जा सकता है. डॉ सरोज ललिता बाखला ने फसल सुरक्षा के जैविक उपायों पर प्रकाश डाला. उन्होंने किसानों को नीम के अर्क, गोमूत्र, वर्मी कम्पोस्ट आदि के प्रयोग की सलाह दी. आत्मा बोकारो के उप परियोजना निदेशक मोतीलाल रजक ने किसानों को सरकार द्वारा चलायी जा रही फसल सुरक्षा योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने किसानों को तकनीकी सहायता और अनुदान संबंधी जानकारियां भी उपलब्ध करायीं. कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र की डॉ रूपा रानी, रश्मि कल्डुलना, मो जुनैद आलम सहित अन्य कर्मचारी भी उपस्थित रहे.
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