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Bokaro News : 84 घंटे बाद भी पीसीआर वैन के पुलिसवालों की नहीं हुई पहचान, चालक को थाने से दे दी बेल

Bokaro News : पीसीआर वैन के धक्के से युवक की मौत और पुलिसवालों के भाग जाने का मामला, - घर में पसरा है मातम, पर अपनों को बचाने में जुटे जवाबदेह. चौथे दिन भी पुलिस का दावा : जांच हो रही है पीसीआर वैन में बैठे पुलिस अधिकारी की भूमिका की.

बोकारो, 84 घंटे बाद भी चास थाना क्षेत्र में गुरुवार की रात बाइक सवार युवकों को टक्कर मारने वाले पीसीआर वैन 14 में सवार पुलिस अधिकारी और जवानों की पहचान नहीं हो पायी है. वहीं दूसरी ओर इस मामले में वाहन के चालक पर मामला दर्ज कर उसे थाने से ही बेल दे दिया गया है. इसे लेकर इलाके में रोष है. सनद रहे कि गुरुवार रात चास थाना क्षेत्र में पुलिस की गाड़ी ने एक बाइक को टक्कर मार दी. टक्कर से बाइक पर सवार सेक्टर 2 निवासी विकास कुमार की मौत हो गयी, जबकि अविनाश व शुभम घायल हो गये. धक्का मारने के बाद पुलिस की गाड़ी लेकर उसका चालक और उस पर बैठे पुलिस कर्मी भाग गये. इलाज की सुविधा नहीं मिलने से विकास की मौत हो गयी.

इधर, मामले में पीसीआर वैन के चालक पर चास थाना में केवल लापरवाही से वाहन चलाते हुए बाइक में धक्का मारने का मामला दर्ज किया गया. साथ ही चालक को थाना से ही बेल दे दिया गया. वहीं पीसीआर वैन में बैठे पुलिस अधिकारी और जवानों की भूमिका की जांच की बात कही जा रही है. जांच के नाम पर क्या हुआ, कोई बताने को तैयार नहीं. चास एसडीपीओ प्रवीण कुमार सिंह जांच चलने की बात कहते हैं.

शुक्रवार को पिता ने दर्ज करायी थी प्राथमिकी

मृतक विकास के पिता देवेंद्र कुमार सिंह ने चास थाना में दुर्घटना को लेकर शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें साफ-साफ कहा गया है कि पीसीआर 14 का चालक टक्कर मारने के बाद सभी को घायलावस्था में छोड़ कर गाड़ी लेकर फरार हो गया. पीसीआर वैन में बैठे पुलिस अधिकारी ने गंभीरता दिखाई होती, तो विकास की जान बच सकती थी.

इकलौते पुत्र को खोने का दर्द क्या जाने पुलिस

विकास माता-पिता का इकलौता बेटा था. पिता देवेंद्र कुमार सिंह ने कहते हैं कि उनकी दुनिया ही उजड़ गयी है. वह कहते हैं कि जवान पुत्र को खो जाने का दर्द चास थाना के पुलिस अधिकारियों को कैसे समझ में आयेगा. न्याय दिलाने की जगह केवल जांच की बात कही जा रही है. मैं किसके पास जाऊं.

यह कैसा इंसाफ

बोकारो की पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चलाती है. लोगों को समझाती है कि अगर कोई सड़क दुर्घटना में घायल हो तो उसे लेकर अस्पताल जायें, ऐसा करने से पुरस्कार मिलता है. पर खुद ही इसका पालन नहीं करती पुलिस. युवकों को धक्का मारने के बाद पुलिसकर्मी भाग निकलें. कथनी-करनी का यह अंतर समझा पायेंगे अधिकारी.

जांच के लिए बनायी गयी है टीम

एसपी मनोज स्वर्गियारी ने कहा कि दुर्घटना के मामले में चालक पर केस कर दिया गया है. पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए टीम बना दी गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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