चास, दामोदर बचाओ आंदोलन का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त से मिला. पूर्व में दिये गये ज्ञापन में की गयी कार्रवाई व समाधान को लेकर जानकारी ली. सदस्यों ने कहा कि उपायुक्त के दिये गये निर्देश के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. सरकार द्वारा निर्देशित आदेश में स्पष्ट है कि नदियों को प्रदूषण व अतिक्रमण मुक्त रखने की जिम्मेदारी जिले के निगम क्षेत्र में आने वाले की रहती है. जल एवं वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए उचित कार्रवाई निगम प्रशासन को करना है. नदियों को प्रदूषित एवं अतिक्रमण करना एनजीटी के नियमों का उल्लंघन है और यह अपराध की श्रेणी में आता है. कहा कि नियमों के अनुसार नदियों के 15 मीटर की दायरे में किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं होना चाहिए. नगर निगम की खुद की सीवरेज सिस्टम की व्यवस्था नहीं होने के कारण आवासीय कॉलोनी का गंदा पानी बिना ट्रीटमेंट किये गरगा नदी में गिराया जा रहा है. इस कारण प्रदूषित जल उपयोग के लायक नहीं है और स्थिति दयनीय है. कहा कि चारों तरफ अतिक्रमण, निगम कार्यालय के कुछ ही दूरी पर कचरा का अंबार, सफाई, स्ट्रीट लाइट जैसी तमाम समस्या जस की तस है ना ही आज तक कचरा निष्पादन प्लांट बना. कहा कि नदियों को प्रदूषित व अतिक्रमण के समस्या का समाधान नहीं होने पर नगर विकास सचिव एवं एनजीटी को संपर्क करके तड़ित कार्रवाई करने की मांग करेंगे. अपर नगर आयुक्त संजीव कुमार ने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का डीपीआर बना कर तैयार है, भूमि चिन्हित हो रही है. प्लांट निर्माण होने से समस्या का समाधान हो जाएगा. नदियों को जल्द से जल्द अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा. प्रतिनिधिमंडल में संस्था के बोकारो जिला संयोजक सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा, विक्रम कुमार महतो, जगदीश जगनानी, शिवकुमार श्रीवास्तव व अन्य शामिल थे.
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