Bokaro News : अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन ने मुख्य डाकघर के समक्ष किया धरना-प्रदर्शन, बोले प्रदेश अध्यक्ष : आम जनता के लिए विश्वसनीय संचार सेवा को समाप्त करने का षड्यंत्र.
बोकारो, भारतीय डाक सेवा को फिर से जनहित में सुचारू करने और बंद हुए पुरानी सेवाओं को पुन: शुरू करने की मांग को लेकर बुधवार को अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन ने बोकारो के प्रधान डाकघर सेक्टर दो में धरना-प्रदर्शन किया. अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष देव कुमार त्रिवेदी ने की. धरना के बाद केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम का मांग पत्र डाकपाल बीके ओझा को सौंपा गया. श्री त्रिवेदी ने पत्रकारों को बताया कि आम जनता के लिए विश्वसनीय संचार सेवा धीरे-धीरे समाप्त करने के साथ निजी व महंगी सेवा का उपभोग करने के लिए मजबूर करने का षड्यंत्र चलाया जा रहा है.टूटती जा रही है परंपरा
श्री त्रिवेदी ने कहा कि भारतीय डाक सेवा, जो कभी देश की जीवनरेखा मानी जाती थी. आज उपेक्षा का शिकार हो रही है. प्रदेश अध्यक्ष श्री त्रिवेदी ने कहा कि सन 1774 से शुरू हुई भारतीय डाक सेवा केवल संचार का माध्यम नहीं, बल्कि भावनाओं का संवाहक रही है. गांव से शहर और देश से विदेश तक, हर रिश्ते और संवेदना को जोड़ने का काम डाकिया ने किया है. लेकिन आज यह परंपरा टूटती जा रही है.सस्ती, सुलभ और पारदर्शी बनाने की मांग
धरना कार्यक्रम में संगठन के सभी सदस्यों ने एक स्वर में भारतीय डाक विभाग को फिर से आम जनता के लिए सस्ती, सुलभ और पारदर्शी बनाने की मांग की. मौके पर प्रदेश अध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ) पुष्पा मिश्रा, मनीष श्रीवास्तव, संतोष सिंह, सुशील सिन्हा, रंजु सिंह, प्रदीप महतो, रिंकू मल्लीक, शाहीना बानो, अवधेश कुमार, प्रतीमा, सुनील श्रीवास्तव, चंद्र प्रकाश सहित दर्जनों लोग मौजूद थे.
संगठन की सरकार से मांगें
रजिस्ट्री पोस्ट सेवा को न्यूनतम शुल्क पर पुनः शुरू किया जाये. अंडर पोस्टल सर्टिफिकेट सेवा को गरीब जनता के लिए फिर से शुरू किया जाये.पोस्टकार्ड और अंतर्देशीय पत्र सेवा को भावनात्मक जुड़ाव के प्रतीक के रुप में पुनर्जीवित किया जाये. डाक सेवा में आधार ओटीपी या पहचान पत्र की अनिवार्यता समाप्त की जाये. स्पीड पोस्ट सेवा को केवल विशिष्ट परिस्थितियों तक सीमित रखा जाये. डाकिया वर्ग को सामाजिक सम्मान और सशक्त भूमिका प्रदान की जाये.
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