सुनील तिवारी, बोकारो, भारतीय नौसेना का स्वदेश निर्मित सर्वे पोत इक्षक को छह नवंबर को सैन्य बेड़े में शामिल होगा. नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की मौजूदगी में सर्वे पोतों (बड़ी श्रेणी) के इस तीसरे पोत को औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल किया जायेगा. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स द्वारा निर्मित पोत में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग हुआ है. यह भारत की जल सर्वे उत्कृष्टता और स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. इक्षक पहला एसवीएल पोत है, जिसमें महिलाओं के लिए विशेष सुविधा है.
इक्षक में बोकारो इस्पात संयंत्र का दमदार स्टील लगा है. इस पोत के लिए स्टील की पूरी मात्रा की आपूर्ति सेल के बोकारो और भिलाई इस्पात संयंत्रों से की गयी है. बोकारो से 1000 मिलियन टन एचआर शीट्स और प्लेट्स और भिलाई से लगभग 200 मिलियन टन प्लेट्स की आपूर्ति की गयी है. पोत के लिए बोकारो से 1000 मिलियन टन स्टील और शीट्स भेजे गये थे. इस पोत की पतवार बीएसएल द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित डीएमआर 249 ए इस्पात से बनाया गया है.20 नवंबर 2022 को चेन्नई में हुआ था लॉन्च
बीएसएल कर्मियों, खासतौर पर एसएमएस 02 के कामगारों के लिए गर्व की बात है कि उनके बनाये स्टील नौसेना की ताकत बढ़ा रहे हैं. 20 नवंबर 2022 को चेन्नई के कट्टुपल्ली में दक्षिणी नौसेना कमान में सर्वे वेसल्स इक्षक को लॉन्च किया गया था. नौसेना के लिए बनाये जा रहे चार बड़े सर्वेक्षण पोत के प्रोजेक्ट का तीसरा पोत इक्षक है. आत्मनिर्भर भारत में सहायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन को गति देने वाले युद्धपोत में सेल के डीएमआर 249 ए ग्रेड एचआर सीट्स व प्लेट का इस्तेमाल किया गया है.आइएनएस विक्रांत में भी लगा है बीएसएल का स्टील
नौसेना में पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत में भी बीएसएल ने 7000 टन डीएमआर ग्रेड विशेष स्टील की आपूर्ति की है. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का प्रतीक आइएनएस विक्रांत केवल युद्धपोत नहीं है, बल्कि यह 21वीं सदी में भारत की कड़ी मेहनत, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण भी है. आइएनएस कवरत्ती में बीएसएल के 1000 टन स्टील का उपयोग किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

