बोकारो, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के 11 अधिकारियों के समय से पहले सेवानिवृत्ति देने के खिलाफ स्टील स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (सेफी) के आह्वान पर बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन (बोसा) ने भी मोर्चा खोल दिया है. बीएसएल में भी आक्रोश है. बीएसएल अधिकारी बोसा के बैनर तले 20 मार्च को काला बिल्ला लगाकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे. बोसा अध्यक्ष एके सिंह के नेतृत्व में जोर-शोर से तैयारी चल रही है.
अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द किया जाय : एके सिंह
बोसा अध्यक्ष एके सिंह ने मंगलवार को कहा कि सेल के 11 अधिकारियों को समय से पहले सेवानिवृत्ति दे दी गयी है. इससे अधिकारी आहत है. अधिकारी भय व अराजकता के माहौल में काम कर रहे हैं. इसका प्रभाव उत्पादन व उत्पादकता पर पड़ेगा और अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे. अधिकारियों को ऐसे समय में हटाया जाना, जब वे अपनी जिम्मेदारियों के चरम पर हैं, ठीक नहीं है. प्रबंधन के फैसले से बीएसएल सहित सेल के अधिकारी टेंशन में है. उन्हें सामाजिक रूप से हतोत्साहित व मानसिक पीड़ा भी हुई है. सेफी के साथ-साथ बोसा सेल प्रबंधन से अपने इस निर्णय पर पुर्नविचार करने का आग्रह करती है, जिससे माहौल अच्छा बना रहे. श्री सिंह ने कहा कि बोसा सेल प्रबंधन से मांग करती है कि हाल ही में 11 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द किया जाय, जिससे सेल के सकारात्मक कार्य संस्कृति को बचाया जा सके. श्री सिंह ने बीएसएल के सभी अधिकारियों से बोसा के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है.
विदित हो कि सेफी की नयी कमेटी बनने के बाद पहली वर्चुअल काउंसिल मीटिंग में सेफी से संबद्ध सभी इकाईयों के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से सेल में समयपूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति लागू करने का विरोध किया. सेफी ने इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का निर्णय लिया है. यहां उल्लेखनीय है कि सेफी के इस आह्वान पर भिलाई इस्पात संयंत्र में पहले चरण के विरोध प्रदर्शन के तहत मंगलवार को मुर्गा चौक (इक्यूपमेंट चौक) एफएसएनएल भवन के पास गेट मीटिंग हुआ.क्या है अधिकारियों के जबरन रिटायरमेंट का मामला
जबरन रिटायरमेंट का आदेश सेल प्रबंधन की ओर से 11 फरवरी को जारी किया गया था. सेल बोर्ड से मुहर लगने के बाद प्रबंधन ने यह फैसला लिया था. 11 अफसरों को कंपनी की सेवा से निकाल दिया गया था. इन अधिकारियों को 15 दिन के भीतर अपील करने की मोहलत थी. उधर, सेल प्रबंधन ने कहा गया है कि 50 वर्ष से अधिक आयु के अधिकारियों की सत्यनिष्ठा व प्रभावोत्पादकता का आकलन करने की नीति है. सेवा रिकॉर्ड के आधार पर अधिकारियों की प्रभावशीलता, दक्षता, आचरण के लिए मानदंड है.सेल प्रबंधन ने कहा : इसलिये सेवानिवृत्त करने का निर्णय
सेल प्रबंधन का कहना है कि समीक्षा के बाद सेल संयंत्रों-इकाइयों में विभिन्न स्थायी समितियों की सिफारिशों पर संबंधित सक्षम प्राधिकारियों द्वारा विचार किया गया. सेल के आचरण अनुशासन और अपील नियमों में नियम 56 (जे) के समान प्रावधनों के तहत, संगठन में दक्षता, सत्यनिष्ठा और जवाबदेही बनाये रखने के हित में 11 अधिकारियों को सेवानिवृत्त करने का निर्णय लिया गया. मतलब, 11 अधिकारी को जबरन रिटायरमेंट पर सेल प्रबंधन अपना पक्ष रख चुका है, जिसका विरोध सेफी-बोसा कर रहा है.ये हैं सेल से जबरन रिटायर किये गये जीएम समेत 11 अधिकारी
भिलाई स्टील प्लांट-बीएसपी के एलएंडए के एजीएम अशोक कुमार, दुर्गापुर स्टील प्लांट के जनरल मैनेजर संदीप बनर्जी, जीतपुर कोलियरी के प्रभारी बादल मंडल, झारखंड माइंस ऑफ ग्रुप के जीएम एमजे हेंब्रम, चासनाला कोलियरी के जीएम संजय कुमार, सेंट्रल मार्केटिंग आर्गनाइजेशन-सीएमओ के जीएम राजीव भाटिया-कोलकाता, अलॉय स्टील प्लांट दुर्गापुर के सीनियर मैनेजर अखिलेश सिंह, भद्रावति स्टील प्लांट के डीजीएम वी. गणेशन व जीएम गोपाल कृष्ण भट्ट.
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