बोकाराे, बीएसएल में नौकरी की मांग को लेकर गुरुवार को विस्थापित अप्रेंटिस संघ के प्रदर्शन के दौरान हुई लाठी चार्ज के विरोध में शुक्रवार को बोकारो बंद का व्यापक असर बोकारो स्टील प्लांट पर दिखा. प्लांट के सभी ब्लास्ट फर्नेस के साथ-साथ अन्य प्रमुख उत्पादन इकाइयां जैसे कोक ओवन, सिंटर प्लांट, एसएमएस, हॉट स्ट्रिप मिल भी गुरुवार की रात से ही पूरी तरह से बंद रही. यह स्थिति शुक्रवार की शाम तक यानी समाचार लिखे जाने तक बनी रही. इससे बीएसएल को करोड़ों का नुकसान हुआ. सूत्रों के अनुसार, स्थिति सामान्य होने में समय लगेगा. कारण, एक बार मशीन बंद होने पर उसे शुरू करने में देर लगती है.
लगभग 5000 कर्मी प्लांट में गुरुवार की रात से घंटों भूखे-प्यासे अंदर फंसे रहे
शुक्रवार को सुबह से हीं बोकारो स्टील प्रबंधन ने आंदोलनकारी से जनहित में अविलंब प्लांट गेट से जाम हटाने की अपील करती रही. कहा कि बोकारो इस्पात संयंत्र एक थर्मो सेंसिटिव प्लांट है. इसके अंदर संवेदनशील गैस पाइपलाइन का नेटवर्क है, जिसे 24 घंटे कड़े सेफ्टी प्रोटोकॉल में रखा जाता है, ताकि गैस पाइपलाइन नेटवर्क सुरक्षित रहे. बोकारो इस्पात संयंत्र के सभी गेट जाम कर दिये जाने की वजह से लगभग 5000 कर्मी प्लांट में घंटों भूखे-प्यासे अंदर फंसे हैं. बीएसएल की प्रमुख उत्पादन इकाइयों के बंद होने से संवेदनशील गैस पाइपलाइन के सेफ्टी प्रोटोकॉल को कायम रखने में भी कठिनाई आयी.
वहीं देर रात बीएसएल के गेट से आंदोलनकारी हट गये. इसके बाद कर्मियों का बाहर निकलना शुरू हो गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

