बोकारो, बोकारो की विधायक श्वेता सिंह ने मंगलवार को पूर्व विधायक बिरंची नारायण द्वारा झारखंड के मुख्य सचिव को भेजे गये पत्र पर पलटवार किया है. मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा है कि श्री नारायण द्वारा मुख्य सचिव को भेजे गये पत्र में गंभीर अनियमितता है. पत्र उनके पुराने विधायक लेटर हेड पर जारी किया गया है. इसमें ‘विधायक बोकारो’ का उल्लेख यथावत है. ‘पूर्व’ शब्द पेन से अस्पष्ट रूप से लिखा गया है. यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की भावना के विरुद्ध है. जनमानस को भ्रमित करने का प्रयास है. श्रीमती सिंह ने कहा कि पत्र में उनके पूर्ववर्ती सरकारी आवास (रांची) का उपयोग किया गया है. इस पर अब उनका कोई वैध अधिकार नहीं है. यह कदाचार की श्रेणी में आता है. सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग की ओर संकेत करता है. उन्होंने स्वयं को ‘मुख्य सचेतक, विरोधी दल, झारखंड सरकार’ बताते हुए पद का अनुचित उपयोग किया है. जबकि वे इस पद पर अब नहीं हैं. यह सीधे-सीधे धोखाधड़ी है. लेटर हेड पर भारत सरकार का ‘अशोक चिन्ह’ भी अंकित है. श्रीमती सिंह ने कहा कि ‘अशोक चिन्ह’ संविधान व प्रतीक चिन्ह (अनुचित प्रयोग की रोकथाम) अधिनियम 2005 के अंतर्गत किसी भी पूर्व विधायक को इस चिन्ह के प्रयोग की अनुमति नहीं है. सभी बिंदु इस बात के प्रतीक हैं कि पूर्व विधायक बिरंची नारायण ने जन प्रतिनिधित्व की गरिमा और संविधान की मर्यादा को ठेस पहुंचायी है.
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