जल संसाधन विभाग झारखंड के अंतर्गत बांध प्रमंडल तेनुघाट की ओर से लगभग 3.66 करोड़ रुपये की लागत से तेनु-बोकारो नहर की मरम्मत करायी जा रही है. आठ दिसंबर से कार्य शुरू किया गया है. 34 किमी लंबे इस नहर में 107 स्थानों में काम चल रहा है. 14 दिसंबर तक काम पूरा करना है. स्थानीय लोगों की शिकायत है कि संवेदकों की ओर से जल्दीबाजी में गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. नहर के किनारे उगी झाड़ियों की सफाई जैसे-तैसे कर पीसीसी ढलाई के बाद रॉड लगाने व आरसीसी ढलाई एस्टीमेट के अनुसार नहीं किया जा रहा है. दस एमएम की जगह छह से आठ एमएम का रॉड का उपयोग और चार इंच की आरसीसी की जगह दो से तीन इंच के बीच ही आरसीसी ढलाई की जा रही है.
दो भागों में है बांटा गया है मरम्मत कार्य
107 स्थानों में हो रहे मरम्मत कार्य को विभाग ने दो भागों में बांटा है. एक भाग में सौ-सौ स्क्वायर फीट कर लगभग चार-चार लाख रुपये का काम 54 संवेदकों को दिया गया है. दूसरे भाग में 50-50 स्क्वायर फीट का काम लगभग दो लाख रुपये में 53 संवेदकों को दिया गया है.हर वर्ष करायी जाती है मरम्मत
तेनु-बोकारो नहर की मरम्मत को लेकर हर वर्ष निविदा निकाली जाती है. पिछले वर्ष फरवरी माह में निविदा निकाली गयी थी. इसमें दस हजार स्क्वायर फीट का कार्य लगभग चार करोड़ रुपये की लागत से हुआ था.14 दिसंबर की शाम को नहर में छोड़ा जा सकता है पानी
मरम्मत कार्य को लेकर नहर में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है. इसके कारण तेनुघाट से बोकारो तक नहर के किनारे के गांवों में जलापूर्ति ठप है. मरम्मत कार्य पूरा होते ही 14 दिसंबर की देर शाम पानी छोड़े जाने की संभावना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

