Bokaro News :
गांधीनगर.
देश में श्रम संहिता लागू किये जाने के खिलाफ ऑल इंडिया सेंट्रल कॉन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (एक्टू ) ने देशव्यापी विरोध दिवस मनाया. एक्टू से जुड़े असंगठित मजदूरों ने करगली गेट स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति के समक्ष श्रम कोड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर श्रम कोड की प्रतियां जलायी श्रम कोड की अधिसूचना वापस लो, श्रम कानूनों को लागू करो के ज़ोरदार नारों के साथ सभा की गयी. मौके पर प्रदेश सचिव भुवनेश्वर केवट ने कहा कि श्रम कोड लागू कर केंद्र सरकार ने मजदूरों के साथ विश्वासघात किया है. देश के 70 प्रतिशत औद्योगिक संस्थानों में कार्यरत मजदूर अब मालिकों की दादागीरी से तबाह हो जायेंगे. चार श्रम संहिता देश के मजदूर वर्ग के लिए काला कोड है. इसके खिलाफ लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक केंद्र सरकार चारों श्रम संहिताओं को रद्द कर सभी पुराने श्रम कानूनों को लागू नहीं करती है. माले नेता पंचानन मंडल ने कहा कि श्रम कानूनों में संशोधन पूरी तरह मालिकों के पक्ष में किया गया यह मजदूर वर्ग के साथ विश्वासघात है. छात्र नेता राज केवट ने कहा कि चार श्रम संहिता पूरी तरह से मजदूरों को गुलाम बनाने वाला दस्तावेज है.. विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में लखनलाल नायक, मकबूल अंसारी, जीतन केवट शब्बीर अंसारी, नौशाद अंसारी, डोमन केवट, सोहन पासवान सोहन, रतनलाल मांझी, जीतन करमाली आदि शामिल थे.
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