नावाडीह प्रखंड अंतर्गत बरई पंचायत के महबिछुआ निवासी पूर्व नक्सली हीरामन गंझू बंदूक छोड़ कर राज मिस्त्री का काम कर जीवन यापन कर रहे हैं. हीरामन ने सूबे के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और पूर्व ऊर्जा मंत्री लालचंद महतो के समक्ष भूषण उच्च विद्यालय नावाडीह के परिसर में आत्मसमर्पण किया था. बाद में जेल से रिहा हो कर उसने अपनी बड़ी बेटी किरण कुमारी और छोटी बेटी मीणा कुमारी की शादी करायी. एक पुत्र नीलकंठ गंझू है, जो पिता के साथ ही मजदूरी करता है. परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण उसने नौवीं कक्षा के बाद आगे की पढ़ाई छोड़ दी.
नहीं कट रहा जमीन का रसीद
सांसद प्रतिनिधि दीपू अग्रवाल ने बताया कि जब से हीरामन गंझू ने आत्मसमर्पण किया है, तब से उसकी जमीन का रसीद भी नहीं कटा है. अंचल अधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिल कर मामले में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जायेगा. इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन किया जायेगा. उस समय आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के परिवारों को 50-50 लाख रुपया वर्तमान सरकार दे.
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