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Bokaro News : चार साल में 24 करोड़ खर्च, लेकिन शिफ्टिंग में सफलता नहीं

Bokaro News : सीसीएल के बीएंडके एरिया अंतर्गत दो मेगा प्रोजेक्ट एकेके व कारो ओसीपी के विस्तार को लेकर शिफ्टिंग में प्रबंधन को अभी तक सफलता नहीं मिली है.

राकेश वर्मा, बेरमो, सीसीएल के बीएंडके एरिया अंतर्गत दो मेगा प्रोजेक्ट एकेके व कारो ओसीपी के विस्तार को लेकर शिफ्टिंग में प्रबंधन को अभी तक सफलता नहीं मिली है. जबकि शिफ्टिंग को लेकर दोनों नये आरआर साइट (पुनर्वास स्थल) पर चार साल में सीसीएल द्वारा 24 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया जा चुका है. एकेके परियोजना के विस्तार के लिए बरवाबेड़ा गांव से करीब 300 लोगों को शिफ्ट करने के लिए यहां से तीन किमी दूर केएसपी फेज दो परियोजना में नया आरआर साइट बनाया गया है. जबकि कारो परियोजना के विस्तार को लेकर कारो बस्ती के करीब 200 लोगों को शिफ्ट करने के लिए करगली वाशरी के स्लरी पौंड के निकट नया आरआर साइट बनाया गया है. जानकारी के अनुसार विस्तारीकरण के बाद दोनों परियोजनाओं से सीसीएल को करीब 150 मिलियन टन कोयला मिलने की संभावना है. एकेके परियोजना का कोल रिजर्व मार्च 2021 की प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार 87.04 मिलियन टन है. फिलहाल इस माइंस के लिए 15 साल की प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनायी गयी है. इस परियोजना से सालाना आठ से 11 मिलियन टन तक उत्पादन करने का इनवायरमेंटल क्लीयरेंस मिला है. फिलहाल इस परियोजना में आउटसोर्स के तहत छह साल के लिए कोल प्रोडक्शन व ओबी रिमूवल का काम केएसएमएल कंपनी कर रही है. इसके अलावा बीकेबी कंपनी भी यहां आउटसोर्स के तहत ओबी रिमूवल का काम कर रही है. कारो बस्ती के लिए चयनित नये पुनर्वास स्थल (आरआर साइट) में लोगों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अभी तक सड़क व नाली का निर्माण कराया जा चुका है. मंदिर और तालाब का निर्माण भी लगभग हो गया है. पहले फेज में 91 तथा दूसरे फेज में 100 लोगों को यहां शिफ्ट किया जाना है. प्रत्येक विस्थापित को पांच डिसमिल जमीन देने की योजना है. संभवत: चालू वित्तीय वर्ष में प्रबंधन को पहले फेज में चयनित विस्थापित ग्रामीणों को बसाने में सफलता मिले, लेकिन यह इतना आसान नहीं है.

क्या कहना है महाप्रबंधक का

सीसीएल बीएंडडके एरिया के महाप्रबंधक चितरंजन कुमार का कहना है कि एकेके परियोजना के विस्तार के लिए बरवाबेडा गांव का शिफ्टिंग जल्द होगा, प्रबंधन इसको लेकर गंभीर है. वहीं कारो बस्ती के ग्रामीणों को करगली में बन रहे नये आरआर साइट में बसाने की प्रबंधकीय कवायद तेज है.

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