ललपनिया. दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंसे बोकारो और हजारीबाग जिले के 19 प्रवासी मजदूरों में से 17 शनिवार को फ्लाइट से मुंबई पहुंच गये. दो दिन के बाद ट्रेन से ये झारखंड आयेंगे. प्रवासी मजदूर हित में कार्य करने वाले सिकंदर अली ने बताया कि भारतीय दूतावास की मदद से इन मजदूरों के बकाया वेतन और वतन वापसी को लेकर संबंधित कंपनी व मजदूरों के बीच सफल वार्ता हुई. दो मजदूरों 26 अगस्त को देश लौटेंगे. इधर, प्रवासी मजदूरों के परिवारों में इस खबर से खुशी है. मालूम हो कि कैमरून से लौटे 17 मजदूरों में सात गोमिया प्रखंड के तथा 10 हजारीबाग जिला के रहने वाले हैं.
नागपुर से लाया गया मंगरो गांव के प्रवासी मजदूर का शव
ललपनिया. गोमिया प्रखंड अंतर्गत चतरोचटी पंचायत के मंगरो गांव निवासी प्रवासी मजदूर रवि कुमार (19 वर्ष) का का शव महाराष्ट्र के नागपुर से शनिवार का आया. वहां सड़क दुर्घटना में उसकी मौत हो गयी थी. इकलौते पुत्र का शव देखते ही मां बार-बार बेहोश हो रही थी. गांव में मातम पसर गया. रवि रक्षाबंधन के समय नागपुर से घर आया था, वह तीन बहनों का इकलौता भाई था. राखी बंधाने के बाद तीन दिन पूर्व नागपुर गया था. इलाज के दौरान रुवार को उसकी मौत हो गयी थी. इधर, स्थानीय मुखिया महादेव महतो ने गोमिया बीडीओ महादेव कुमार महतो को घटना की सूचना दी और मृतक के परिवार को सहायता करने की बात कही. बीडीओ ने श्रम विभाग से मिलने वाला मुआवजा दिलाने की बात कही. झारखंड के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने घटना पर दुख जताते हुए श्रम विभाग से मृतक के परिवार को मुआवजा दिलाने की बात कही. जानकारी के अनुसार रवि नागपुर में खलासी का काम करता था. वाहन मालिक द्वारा शव नागपुर से भेजने की व्यवस्था की गयी और 50 हजार रुपये की राशि दी. वाहन बीमा के तहत मिलने वाली राशि दिलाने की बात कही. रवि के पिता कौलैश्वर महतो की मौत वर्ष 2017 में वज्रपात से हो गयी थी.
तीन माह में पांच प्रवासी मजदूरों की मौततीन माह के अंतराल में चतरोचटी थाना क्षेत्र के पांच प्रवासी मजदूरों की मौत हुई है. इसमे चुटे पंचायत के चार और चतरोचटी पंचायत का एक मजदूर है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

