बोकारो: सीबीएसइ 2015 से री-इवैल्यूएशन स्कीम में बड़े बदलाव करने जा रहा है. सीबीएसइ ने मार्च-अप्रैल 2014 बोर्ड एग्जाम में 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए री-इवैल्यूएशन स्कीम शुरू की थी.
इसमें स्टूडेंट्स मैक्सिमम 10 क्वेश्चन की रीचेकिंग के लिए अप्लाई कर सकते थे. इसमें बोकारो सहित पूरे देश के 12वीं बोर्ड के विद्यार्थियों ने अप्लाई किया था. बोर्ड ने री-इवैल्यूऐशन स्कीम के लिए अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स के एप्लीकेशन के बेस पर एक रिपोर्ट तैयार की है. इसके आधार पर 2015 के बोर्ड एग्जाम में इस स्कीम में कुछ अहम बदलाव होंगे. अभी तक स्टूडेंट्स को 10 सब्जेक्ट्स में री-इवैल्यूएशन का चांस मिल रहा था, लेकिन अगले साल नये सब्जेक्ट भी इस स्कीम के दायरे में होंगे. जिन बदलावों पर विचार किया जा रहा है, उनमें फीस स्ट्रक्चर से लेकर क्वेश्चन लिमिट बढ़ाने की भी बात है.
स्टूडेंट्स के पास मार्क्स ठीक करवाने का तीन ऑप्शन : जो स्टूडेंट्स अपने मार्क्स से खुश नहीं होता उसके पास तीन ऑप्शन होते हैं. पहला मार्क्स वेरिफिकेशन का, जिसके लिए हर सब्जेक्ट की फीस 300 रु पये होती है. इसमें पेपर चेक नहीं होता बल्किमार्क्स का फिर से टोटल किया जाता है. उसके बाद आंसरशीट की फोटोकॉपी का प्रोविजन है. आंसरशीट देखने के बाद स्टूडेंट्स को लगता है कि उसे कुछ सवालों में सही मार्क्स नहीं मिले तो वो री-इवैल्यूएशन के लिए अप्लाई कर सकता है.
री-इवैल्यूएशन के लिए 2500 स्टूडेंट्स ने किया अप्लाई : 2014 में पहली बार यह स्कीम लायी गयी. 2500 स्टूडेंट्स ने री-इवैल्यूएशन के लिए अप्लाई किया. मार्क्स वेरिफिकेशन के लिए 70 हजार ऐप्लीकेशन आये और आंसरशीट की फोटोकॉपी के लिए 13 हजार. री-इवैल्यूएशन स्कीम में एक पेपर में मैक्सिमम 10 क्वेश्चन के री- इवैल्यूएशन के लिए अप्लाई किया जा सकता है. एक क्वेश्चन की फीस 100 रु पये है. यानी अगर एक पेपर में 10 क्वेश्चन के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो 1000 रु पये फीस होगी.
री- इवैल्यूएशन में गरीब स्टूडेंट्स को मिल सकती है राहत : बोर्ड सूत्रों का कहना है कि यह बात सामने आयी है कि फीस के चलते काफी स्टूडेंट्स री- इवैल्यूएशन के लिए अप्लाई नहीं कर पाये. बोर्ड फीस के मसले पर गंभीरता से विचार कर रहा है. गरीब स्टूडेंट्स को राहत दी जा सकती है. बोर्ड ने एक पेपर में मैक्सिमम 10 क्वेश्चन के री – इवैल्यूएशन का ऑप्शन स्टूडेंट्स को दिया था. लेकिन ऐसे स्टूडेंट्स की कमी नहीं रही, जिन्होंने 10 से ज्यादा क्वेश्चन के लिए अप्लाई किया था. बोर्ड उस फीडबैक के आधार पर 10 क्वेश्चन की लिमिट को बढ़ा सकता है.
मार्क्स बढ़े तो पेपर चेक करने वाले टीचर पर एक्शन : अभी री – इवैल्यूएशन स्कीम में यह भी प्रावधान है कि अगर स्टूडेंट्स का दावा ठीक पाया जाता है, तो उसे ऐप्लीकेशन फीस वापस मिल जाती है. इस प्रोविजन को लेकर भी नये सिरे से विचार किया जा रहा है कि अगले साल फीस वापसी का प्रोविजन जारी रखा जाए या वापस लिया जाय. बोर्ड सूत्रों का कहना है कि अगर री – इवैल्यूएशन के बाद यह सामने आया कि किसी पेपर में 20 से 25 मार्क्स बढ़े हैं तो उस पेपर को चेक करने वाले टीचर पर एक्शन भी हो सकता है. क्योंकि बोर्ड का मानना है कि एक पेपर में इतने ज्यादा नंबरों का अंतर नहीं हो सकता.
12 सब्जेक्ट के लिए री-इवैल्यूएशन स्कीम शुरू : 2014 में बोर्ड ने 12 सब्जेक्ट के लिए री-इवैल्यूएशन स्कीम शुरू की थी. इनमें इंग्लिश कोर, इंग्लिश इलेक्टिव, फंक्शनल इंग्लिश, हिंदी कोर, हिंदी इलेक्टिव, मैथ्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलोजी, बिजनेस स्टडीज, इकनॉमिक्स और अकाउंट्स शामिल हैं. सूत्रों का कहना है कि कुछ स्टूडेंट्स ने फिजिकल एजुकेशन, होम साइंस, ज्योग्राफी, साइकोलोजी, कंप्यूटर साइंस सब्जेक्ट में भी री-इवैल्यूएशन के लिए अप्लाई किया था और बोर्ड ने उन रिक्वेस्ट को माना था. अगले साल इन सब्जेक्ट के अलावा नए कोर्सेज में भी यह स्कीम लागू की जायेगी.